हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

हिमाचल पथ परिवहन निगम का बड़ा फैसला, अब 5 डे वीक के तहत चलाई जाएंगी बसें

By

Published : Apr 25, 2021, 4:05 PM IST

हिमाचल पथ परिवहन निगम ने बाजार और दफ्तर बंद रहने से और सवारियों की कमी को देखते हुए फाइव डे वीक के तहत बसें चलाने का निर्णय लिया है. शनिवार को लोगों को रूटों पर बसें नहीं मिली. लॉन्ग रूट पर भी आने वाले दिनों में कम बसें भेजी जा सकती हैं.

hrtc
फोटो

शिमलाः हिमाचल पथ परिवहन निगम ने भी फाइव डे वीक के तहत बसें चलाने का निर्णय लिया है. लोकल रूटों पर शनिवार और रविवार को बसें नहीं चलेगी. सिर्फ लॉन्ग रूटों पर ही बस सेवा मिलेगी. छुट्टी से पहले दिन भेजी गई लोकल बसें अगले दिन वापस नहीं आएंगी. बसें सोमवार को ही वापस लौटेंगी.

बाजार और दफ्तर बंद रहने से और सवारियों की कमी को देखते हुए एचआरटीसी ने ये निर्णय लिया है. शहर के कुछ स्थानों पर टैक्सी सेवा भी बंद की गई हैं. शनिवार को लोगों को रूटों पर बसें नहीं मिलीं. शिमला में सुबह 11 बजे तक तो इलेक्ट्रिक बसें रूटों पर चलती रहीं, लेकिन इसके बाद अधिकतर बसों को बंद कर दिया.

वहीं, प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने शिमला में अपनी बसें सड़कों से पहले ही हटाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दोपहर बाद शहर में कम रूटों पर बसें चल रही हैं. जहां 5 मिनट के अंतराल के बाद लोगों को बसें मिलती थीं, वहीं अब एक घंटे के बाद भी एक या दो बसें आ रही हैं. एचआरटीसी के आरएम लोकल देवासेन नेगी का कहना है कि रूटों पर सवारियां नहीं मिल रही हैं. इसलिए बसों को कम कर दिया है.

लॉन्ग रूट की बसें भी की जा सकती है कम

लॉन्ग रूट पर भी आने वाले दिनों में कम बसें भेजी जा सकती हैं. दिल्ली रूट पर पहले ही बसों को कम कर दिया है. डीएम दलजीत सिंह का कहना है कि फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है. ड्राइवर-कंडक्टर को कोविड नियमों का पालन करने के लिए कहा है. कुछ लॉन्ग रूटों पर बसों को फिलहाल कम किया है, बस टाइमिंग में फेरबदल किया है.

दिल्ली और बाहरी राज्यों के अन्य रूट कम होने से यात्रियों के साथ-साथ एचआरटीसी को भी नुकसान होगा. बीते साल लगे लॉकडाउन के दौरान भी निगम को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था. एचआरटीसी की वॉल्वो बसों की एडवांस बुकिंग चल रही है. लॉकडाउन के बाद से एचआरटीसी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

डीजल के लिए पर्याप्त बजट नहीं हैं. इसके अलावा कई रूटों पर सवारियां भी कम मिल रही हैं. कई बसों के नए टायर बदलने हैं, इसके लिए भी बजट नहीं हैं. अब हालात ये हो गए हैं कि 42 सीटर बसों में महज 5 सवारियां भी नहीं होती हैं, इसलिए ग्रामीण रूटों पर बसें नहीं चलाई जा रही हैं.

फिक्स टाइम पर बसें चलाने का निर्णय ले सकता है एचआरटीसी

फिलहाल अभी एचआरटीसी ने कोरोना संकट के बीच लोगों को परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए एचआरटीसी ने फिक्स टाइम पर बसें चलाने का निर्णय लेने का मन बनाया है. एचआरटीसी की बसें शिमला से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए रवाना होंगी. बसों की रवानगी का समय निर्धारित कर समय सारणी तैयार की जा रही है.

ये भी पढ़ें:नूरपुरः जौंटा में हुआ दर्दनाक सड़क हादसा, पति-पत्नी ने मौके पर तोड़ा दम

ABOUT THE AUTHOR

...view details