शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डॉ. यशवंत सिंह परमार पीठ से छात्र हिमाचली बोली और लिपि पर डिप्लोमा कोर्स व पीएचडी कर सकेंगे. हिमाचली बोलियों और लिपियों के सरंक्षण और इसे बढ़ावा देने के लिए डॉ. वाईएस परमार पीठ ने ये निर्णय लिया है. हालांकि अभी इस कोर्स के लिए कई औपचारिकताएं करना बाकी रहता है.
हिमाचली बोलियों और लिपि पर डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव
प्रदेश विश्वविद्यालय के डॉ यशवंत सिंह परमार पीठ की ओर से हिमाचली बोलियों और लिपि को लेकर डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव है. अभी इस कोर्स के लिए पाठयक्रम तैयार नहीं किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचली बोलियों और लिपि को लेकर पाठ्यक्रम तैयार करने में तीन माह का समय लगेगा. अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी.
हिमाचल प्रदेश के निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री स्व. डॉ. यशवंत सिंह परमार के नाम से प्रदेश विश्वविद्यालय में ये पीठ शुरू की गई है. इसका उदेश्य डॉ. परमार के चिंतन पर आधारित अध्ययन करना है. हिमाचली बोलियों और लिपि को लेकर भी अब ये पीठ कार्य कर रही है.
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