शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की सर्वोच्च संस्था ईसी-कोर्ट चुनाव में लगातार दूसरे साल भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस और माकपा समर्थित प्रत्याशियों ने दोनों पदों पर कब्जा किया है. इस बार कांग्रेस और माकपा समर्थित कर्मचारियों ने भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हराने के लिए साझा मोर्चा बनाया था. एचपीयू के रजिस्ट्रार एवं निर्वाचन अधिकारी डॉ. वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि इस चुनाव में कुल 835 मतदाताओं में से 730 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
ईसी के लिए सीधे मुकाबले में भाजपा समर्थित प्रेमराज को 217 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस-माकपा समर्थित प्रत्याशी गीता राम को 495 वोट पड़े. गीता राम 278 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने में सफल हुए. 18 वोट अवैध घोषित किए गए. दूसरी ओर विवि कोर्ट के लिए भाजपा समर्थित शिवानी को 283 वोट मिले और कांग्रेस-माकपा समर्थित देवेंद्र कुमार को 434 वोट मिले. कांग्रेस-माकपा समर्थित प्रत्याशी देवेंद्र 151 वोटों से जीत दर्ज करने में सफल रहे. 13 वोट अवैध घोषित किए गए.
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की सर्वोच्च संस्था ईसी-कोर्ट चुनाव में लगातार दूसरे साल भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी समर्थित प्रत्याशी नहीं बचा पाए कोई भी सीट:इस बार भी पिछले साल की तरह बीजेपी समर्थित प्रत्याशी कोई सीट भी नहीं बचा पाए है. 2021 में दोनों पद पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशी जीते थे. वहीं, इस बार सत्ता फैक्टर का भी कांग्रेस-माकपा गठबंधन को फायदा मिला. हालांकि, पिछले साल भी ईसी के नतीजे सत्ता में काबिज पार्टी भाजपा के बजाए कांग्रेस पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में गए थे. जबकि इस बार सीधा-सीधा कर्मचारियों ने सत्ता का साथ दिया.
कांग्रेस और माकपा समर्थित कर्मचारियों ने भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हराने के लिए साझा मोर्चा बनाया था. 89 फीसदी से ज्यादा मतदान:ईसी व कोर्ट चुनाव में कुल मतों 835 में से 730 वोट पड़े हैं. जिसमें से महज 31 वोट इनवैलिड पाए गए. सुबह 11 बजे से ही एचपीयू के सभागार में बनाए गए पोलिंग बूथ में कर्मचारियों की कतारें वोट डालने के लिए लगी रही. दोपहर 12 बजे तक मात्र 25 फीसदी ही वोटिंग हुई. इसके बाद दोपहर 3.30 बजे तक यह आंकड़ा 79 फीसदी पहुंच गया. आखिरी आधे घंटे में अच्छी खासी वोटिंग हुई. वोटिंग 89 फीसदी से अधिक रही. पिछले वर्ष की तुलना करें तो इस वर्ष अच्छी खासी वोटिंग हुई है. कर्मचारियों ने वोट डालने में काफी उत्साह दिखाया.
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