शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बुधवार को अपना 51 वां स्थापना दिवस और गोल्डन जुबली समारोह मनाया. यह पहली बार हुआ कि बिना छात्रों के एचपीयू का स्थापना दिवस मनाया गया हो. एचपीयू के इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
इस दौरान राज्यपाल सहित शिक्षा मंत्री ने एचपीयू कैंपस में पौधारोपण किया और इसके साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत परिसर में झाड़ू भी लगाया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू वीसी कार्यालय के समीप बने नए मल्टी फेकल्टी भवन का लोकार्पण भी किया. हैरान करने वाली बात यह थी कि एचपीयू कैंपस तो पूरी तरह से साफ था, लेकिन स्वच्छता अभियान के दौरान झाड़ू लगाने के लिए एचपीयू ने एक जगह पर अलग से ही कूड़ा एकत्र कर रखा था, जहां राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने झाड़ू लगाया.
कोरोना वायरस के चलते एचपीयू की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कम लोगों को ही प्रवेश दिया गया था. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी प्रावधान किए गए थे, लेकिन यह प्रावधान समारोह के दौरान धरे के धरे ही रह गए.
स्थापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में एचपीयू के जर्नल्स के साथ ही पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों का विमोचन भी राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू के स्थापना के 50 साल पूरे करने और 51 वें स्थापना दिवस के समारोह को लेकर बधाई दी.
इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से राजनीति के कई दिग्गज नेता दिए हैं, तो वहीं कई न्यायाधीश और अन्य अधिकारी भी दिए हैं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को छात्र के चरित्र निर्माण के लिए कार्य करना चाहिए. मात्र डिग्री देना ही विश्वविद्यालय का मकसद नहीं है, बेहतर चरित्र का निर्माण करना असल मकसद है.
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एचपीयू को विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करने की सलाह दी. जिससे कि छात्रों को उन विश्वविद्यालयों में जा कर पढ़ने का अवसर मिले और वह बेहतर रोजगार भी प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को मात्र स्टडी सेंटर नहीं बनना चाहिए बल्कि रिसर्च सेंटर के रूप में कार्य करना चाहिए, ताकि रिसर्च को बढ़ावा मिल सके.