शिमला:साइबर ठग आपको ठगने के लिए नए-नए पैंतरे अपनाते हैं. कभी सोशल मीडिया को तो कभी ईमेल और टोल फ्री नंबर के सहारे ठगी को अंजाम दिया जाता है. ठग हमेशा घात लगाए रहते हैं कि कब आप लापरवाह बनें और वो आपकी मेहनत की कमाई पर हाथ फेर दें. इसलिए साइबर ठगों के खिलाफ आपकी सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है. आपकी सावधानी ठगों को ठेंगा दिखा सकती है.
सोशल मीडिया पर सावधानी जरूरी
फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम... आज हम सोशल साइट्स से घिरे हुए हैं. कई लोगों का ज्यादातर वक्त इन्हीं सोशल साइट्स पर गुजरता है. यहां दोस्ती से लेकर अपने मन की बात होती है और कई बार तो अपनी पर्सनल जानकारियां तक भी डाली जाती हैं.
आजकल साइबर ठग सोशल मीडिया के जरिये पहले दोस्ती करते हैं और फिर एक वक्त ऐसा आता है जब वो धीरे-धीरे किसी बहाने या लालच देकर आपके बैंक खाते से जुड़ी डिटेल आपसे लेते हैं. इसलिये फेसबुक पर ऐसी दोस्तों से बचें.
सोशल मीडिया अकाउंट को करें सेफ
शिमला में साइबर क्राइम के एएसपी नरवीर सिंह बताते हैं कि आजकल सोशल मीडिया अकाउंट हैक करके दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांगने के मामले आम हो चले हैं. इसलिए किसी दोस्त या रिश्तेदार द्वारा सोशल मीडिया पर पैसे की मांग करने पर उसे फोन करें और जांच लें कि क्या वो पैसे मांग रहा है या किसी ने उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक करके उससे पैसों की मांग की है.
नरवीर सिंह कहते हैं कि सोशल मीडिया के अपने अकाउंट को सिक्योर करें ताकि उसका डुप्लीकेट या उसे हैक ना किया जा सके.
लालच से दूरी जरूरी
साइबर ठग कारोबारियों को अपना निशाना बनाते हैं. जैसे हिमाचल में सर्दियों के दौरान पर्यटन सीजन पीक पर होता है. होटल से लेकर टैक्सी बुकिंग के लिए फोन आते हैं. ठग भी इसका फायदा उठाते हैं और होटल या टैक्सी बुकिंग करके एडवांस पेमेंट के लिए बैंक डिटेल मांगते हैं. ऐसे में बैंक खाते से जुड़ी जानकारी बिल्कुल भी शेयर ना करें.
कई बार ठग विदेशी या बाहरी बनकर कोई नया कारोबार लगाने का झांसा देते हैं और अपने शिकार को कारोबार में हिस्सेदारी से लेकर साझेदार बनाने का जाल बिछाते हैं. इस दौरान ठग भरोसे का ऐसा जाल बुनते हैं कि कई लोग इसमें फंस जाते हैं और ठगों की तरफ से मांगी गई रकम दे देते हैं या फिर अपने बैंक खाते से जुड़ी डिटेल दे देते हैं. इसलिये किसी को भी बैंक खाते से जुड़ी डिटेल या लालच में आकर पैसे ट्रांसफर ना करें.
जानकार बनिये, सुरक्षित रहिये
कई बार ठग नौकरी या घर बैठे पैसे कमाने का झांसा देकर बेरोजगारों और घरेलू महिलाओं को अपना शिकार बनाते हैं. बदले में ठग उनसे रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर ठगी करते हैं. इसलिये ऐसे ठगों से सावधान रहिये.
इसके अलावा महंगी गाड़ी सस्ते में देने, डिस्काउंट, ऑफर, लाखों-करोड़ों की लॉटरी, गहनों का लालच दिया जाता है और बदले में इनकम टैक्स या किसी फीस के रूप में लाखों रुपये की ठगी होती है. ऐसे ऑफर देने वाले ठगों को सावधानी का ठेंगा दिखाना चाहिए.
कई बार ठग पेंशन से लेकर सब्सिडी के नाम पर ठगी करते हैं. इसलिए ऐसे मामलों में जांच परख कर ही अपनी समस्या का समाधान खोजें. किसी के कहने पर बैंक खाते या पैन और आधार की जानकारी नहीं देनी चाहिए.
साइबर ठगों से बचने के लिए सावधानी. सबसे जरूरी हैं ये सावधानियां
- साइबर ठग कभी दोस्ती, कभी भरोसे तो कभी ऑफर, डिस्काउंट, लॉटरी, नौकरी का झांसा देते हैं. लेकिन उनके हर पैतरे का मकसद होता है कि वो आपके बैंक खाते में रखे रुपयों पर हाथ साफ कर लें. इसलिये जैसे ही कोई आपके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी आपसे मांगता है तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए.
- बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें.
- खासकर ओटीपी, सीवीवी, एटीएम पिन जैसी जानकारियां किसी को भी ना दें.
- बैंक खाते, डेबिट-क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर बैंक जाकर समस्या का समाधान करें.
- अज्ञात QR कोड या अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें
- कोई अज्ञात एप्लीकेशन डाउनलोड करने से पहले जांच परखकर फैसला लें.
- आधार और पैन से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा ना करें.
ठगी हो तो क्या करें ?
अगर कभी भी आपके साथ साइबर ठगी हो तो जल्द से जल्द इसकी जानकारी अपने नजदीकी साइबर थाने में शिकायत करें. वरना ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें.
साइबर ठगी होने पर NCRB के पोर्टल से लेकर अपने राज्य की साइबर सेल या साइबर पुलिस की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर और मेल करके भी इसकी शिकायत की जा सकती है.
ठगी होने पर तुरंत अपने बैंक खाते को बंद करवाएं. अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं तो पुलिस भी बैंक को बोलकर आपके खाते को फ्रीज करवाती है ताकि ठग उस खाते से और पैसा ना निकाल पाएं.