शिमला: कोरोना वायरस, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और आइसोलेशन इन शब्दों के अलावा एक और शब्द है जिसकी इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. वो शब्द है वेंटिलेटर.
वेंटिलेटर को लेकर इन दिनों दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका भी परेशान है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में अचानक वेंटिलेटर की मांग बढ़ गई है और इसकी कमी को लेकर पूरी दुनिया के देश परेशान हैं.
दरअसल वेंटिलेटर वो मशीन है जो ऐसे मरीज़ को सांस लेने में मदद करती है जो अपने फेफड़ों से सांस लेने में असमर्थ है. कोरोना वायरस इंसान की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के बीच सबसे ज्यादा डिमांड वेंटिलेटर की हो रही है.
हिमाचल के पास कितने वेंटिलेटर
अमेरिका से लेकर चीन और इटली से लेकर भारत तक सबकी चिंता वेंटिलेटर की कमी ने बढ़ा दी हैं. भारत के भी कई राज्यों में कोरोना संक्रमण लगातार पांव पसार रहा है. ऐसे में राज्य सरकारों को भी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संसाधनों की फिक्र सताने लगी है. लेकिन इन सबमें भी सबसे ज्यादा चिंता वेंटिलेटर को लेकर है.
हिमाचल में कुल 2,729 स्वास्थ्य संस्थान हैं. जिनमें 3 जोनल हॉस्पिटल, 9 क्षेत्रीय अस्पताल, 6 मेडिकल कॉलेज और 45 सिविल अस्पताल हैं. हिमाचल सरकार की मानें तो प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में कुल 75 वेंटिलेटर हैं.