ठियोग: प्रदेश सरकार को किसानों और बागवानों की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा टैक्स के तौर पर जाता है, लेकिन सरकार इस पैसे का उपयोग बागवानी विभाग पर करने से कतराती नजर आती है. प्रदेश बागवानी विभाग जिन कार्यालयों के माध्यम से किसानों और बागवानों को सस्ती दवाइयां वितरित करता है उनके हालत बहुत ही खस्ता है.
ऐसा ही एक मामला उपमण्डल ठियोग के मतियाना का है जहां बागवानी विभाग का कार्यलय तो है, लेकिन ऐसी खण्डर अवस्था में है कि यहां कोई भी विभाग का कर्मचारी नहीं टिक पाता. लोगों को यहां दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस कार्यालय में न तो बिजली पानी है और न ही यह भवन सुरक्षित है. इस भवन में दरारें हैं और खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं. इस भवन में रहना किसी आफत से कम नहीं है.
यहां बागवानों ओर किसानों के बैठने तक कि जगह नहीं है, लोग यहां दवाई लेने आते हैं, लेकिन इस भवन के अंदर जाने से कतराते हैं. बारिश और कड़ी धूप में यहां शरण लेने तक की जगह नहीं है. इस कार्यालय में काम कर करने वाली एक महिला कर्मचारी बड़ी मुश्किल से अपनी ड्यूटी दे पाती है. न पानी है, न बिजली है. स्टोर रूम भी खंडहर बना हुआ है. जरा सी बारिश से सारा पानी इस भवन के अंदर घुस जाता है जिससे, सारी दवाइयां खराब हो जाती हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित बागवानी विभाग के इस कार्यलय से 9 पंचायत के लोग दवाइयां लेते हैं, लेकिन इस भवन की दुर्दशा से लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि जब से ये भवन बना है तब से आज तक यहां कोई काम नहीं हुआ. इसकी हालत इतनी खस्ता है कि यहां कोई भी कर्मचारी नहीं टिक पता. कर्मचारियों के ले लिए कोई सुविधा नहीं है. इस साल सर्दी में तो मौजूद महिला कर्मचारी को लोगों से लकड़ियां लेकर ठंड से बचना पड़ा. लोगों का कहना है कि यहां न तो बैठने की जगह है और न ही स्टाफ पूरा है जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि विभाग को इस बारे में कई बार सूचित कर दिया गया है, लेकिन विभाग किसी बड़े हादसे की इंतजार में बैठा है.