शिमला:फलों के दाम तय करने के विवाद पर सरकार बैकफुट पर आ गई है. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सफाई दी है कि फलों के दाम तय करने की कांग्रेस की गारंटी पर दिए उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. बागवानी मंत्री ने कहा कि उनका पहले यह कहना था कि सरकार बागवानों को उचित मूल्य दिलाने का प्रयास करेगी. यह कभी नहीं कहा कि गारंटी पूरी नहीं होगी.
फसल के उचित दाम देना भी कांग्रेस की गारंटी: उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो भी गारंटी दी है उनको सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी. जैसे ओपीएस की गारंटी पूरी कर दी है. महिलाओं को 1500 रुपए देने सहित अन्य गारंटियों पर भी काम किया जा रहा है. इसी तरह फल उत्पादकों को उनकी फसल के उचित दाम देना भी कांग्रेस की गारंटी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है इसलिए वह गलत ब्यानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार फलों का सीजन शुरू होने से पहले ही होमवर्क कर रही है कि किस तरह से सभी तरह के फल उत्पादकों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाया जाए.
यूनिवर्सल कार्टन का विकल्प भी देख रही सरकार: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार फलों के दाम किलो के हिसाब से बेचने के साथ ही सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन के विकल्प को भी देख रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सेब किलो के हिसाब कुल्लू में बेचा जा रहा है. हालांकि किन्नौर, शिमला और अन्य जिलों में सेब को किलो के हिसाब से बेचने में दिक्कत आ रही है. बागवानी मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी देख रही है कि एपीएमसी एक्ट किस तरह से लागू किया जाए, इसके लिए बागवान और अन्य स्टेक होल्डर के साथ बातचीत की जाएगी. सरकार बागवान और खरीददार से बातचीत कर रही है कि, किस तरह से एक ऐसा सिस्टम विकसित करें, जिसमें बागवानों को उनकी फसल के वाजिब दाम मिल सकें. उन्होंने कहा कि नए सिस्टम को आने वाले सीजन के लिए लागू करने की कोशिश की जाएगी.