भोपाल। 10 और 11 मार्च को रंगों का पर्व होली पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. हर काल में इस उत्सव की परंपरा और रंग बदलते रहे हैं. होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस मौके पर ईटीवी भारत आपको इसका इतिहास और कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहा है. वैसे तो होली को लेकर कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. लेकिन इस त्योहार से प्रमुखता से हिरण्यकश्यप की कहानी जुड़ी है.
धार्मिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने हिरणकश्यप नाम के राजा के भाई का वध किया तो हिरणकश्यप ने बदला लेने के लिए कई सालों तक खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए साधना की. सालों के कठोर तप के बाद उसे शक्तिशाली होने का वरदान मिला और वह खुद को भगवान समझने लगा और लोगों पर अत्याचार करने लगा.
हिरणकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. उसने अपने पिता का कहना कभी नहीं माना और भगवान विष्णु की पूजा करता रहा. बेटे प्रहलाद द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज हिरणकश्यप ने बेटे को मारने का फैसला लिया. इसके लिए उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए, क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी.