शिमला: पद्मश्री विजेता नेक चंद के हाथों बनाए गई मूर्तियां राजधानी शिमला से करीब-करीब गायब हो गई हैं. शहर को सुंदर बनाने के लिए ये स्कल्पचर 80 के दशक में जगह-जगह लगाए गए थे. उस समय 100 के करीब स्कल्पचर तोहफे के रूप में शिमला को मिले थे.
80 के दशक में शिमला शहर की शोभा बढ़ाती थीं ये मूर्तियां, प्रशासन की अनदेखी से धूमिल हुई पहचान - 80 के दशक में लगाई गईं स्कल्पचर खो चुकी हैं अपनी पहचान
शिमला शहर में 80 के दशक में लगाई गईं स्कल्पचर खो चुकी हैं अपनी पहचान. सरकार और नगर निगम के रिकॉर्ड में नहीं कोई जानकारी.
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समय बीतने के साथ ये मूर्तियां शहर से गायब हो गईं. हालात ऐसे हैं कि वर्तमान में आठ के करीब ही स्कल्पचर बचे हैं, जिनकी हालत भी दयनीय है. हैरानी की बात है कि शिमला में न तो नगर निगम और न ही प्रदेश सरकार इन मूर्तियों के संरक्षण की ओर कोई ध्यान दे रही है.
नगर निगम की मेयर से जब मूर्तियों के बारे में पूछा गया तो उनको भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. बता दें कि चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में भी पद्मश्री नेक चंद की हाथों से बनी हुई मूर्तियां लगी हैं. जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं. वहीं, शिमला में यही मूर्तियां प्रदेश सरकार और नगर निगम की अनदेखी के कारण अपनी पहचान खो चुकी हैं.