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शिमला में युवा कांग्रेस की बैठक, भारमुक्त किए गए पदाधिकारियों का सुना पक्ष, शनिवार को हो सकती है कइयों की वापसी

शिमला में शुक्रवार को हिमाचल युवा कांग्रेस की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में भारमुक्त किए गए पदाधिकारियों का पक्ष सुना गया. भारमुक्त हुए 112 पदाधिकारियों में से सिर्फ 65 पदाधिकारी ही अपना पक्ष रख पाए. पढ़ें पूरी खबर...

शिमला में प्रदेश युवा कांग्रेस की बैठक
शिमला में प्रदेश युवा कांग्रेस की बैठक

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Published : Apr 7, 2023, 8:48 PM IST

हिमाचल युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी.

शिमला: अखिल भारतीय युवा कांग्रेस द्वारा प्रदेश युवा कांग्रेस के 112 भारमुक्त हुए पदाधिकारियों को शनिवार को राहत मिल सकती है. इनमें से कितने पदाधिकारियों को फिर से जिम्मेदारी मिलेगी, इस पर शनिवार को औपचारिक घोषणा की जानी है. शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में युवा कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें अन्य नेता भी मौजूद रहे.

बैठक से पहले भार मुक्त किए गए युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों का पक्ष सुना गया. सभी पदाधिकारियों से दिल्ली में किए गए प्रदर्शन में शामिल न होने का कारण पूछा गया. इनमें से करीब 65 पदाधिकारी ने ही अपना पक्ष रखा, जिनके अनुपस्थित रहने के कारण का पहले जांचा जाएगा, उसके बाद ही उनके पद को बहाल किया जाएगा. जो पदाधिकारी इस बैठक में भी अनुपस्थित रहे, उन्हें निलंबित किया जाएगा.

इसके अलावा नगर निगम चुनावों को लेकर भी बैठक में रणनीति तैयार की गई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निगम चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए गए. हिमाचल युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनाव के लिए युवा कांग्रेस ने तैयारी कर ली है. बैठक में हिमाचल प्रभारी से लेकर सह-प्रभारी सहित अन्य नेता मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि आज हुई बैठक में पदमुक्त किए गए पदाधिकारियों का पक्ष सुना गया है और शनिवार तक इस पर फैसला लिया जाएगा.

बता दें कि पिछले दिनों भारतीय युवा कांग्रेस ने हिमाचल युवा कांग्रेस के 112 पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था. इनमें प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिले के पदाधिकारी शामिल हैं. युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया था कि पिछले दिनों दिल्ली में ज्वलंत मुद्दे पर धरने प्रदर्शन का आयोजन किया गया था, लेकिन उसमें प्रदेश से 112 पदाधिकारियों ने भाग नहीं लिया. ऐसे में संगठन ने सभी पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का फैसला लिया था.

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