शिमला: विपक्षी दल भाजपा के जोरदार विरोध और हंगामे के बीच गुरुवार को सदन में दि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटीज ऑफ एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री अमेंडमेंट बिल-2023 पारित हो गया. इस बिल के पारण के दौरान सदन में अभूतपूर्व हंगामा हुआ. विपक्षी दल के सदस्य पर्याप्त चर्चा की मांग पूरी न होने पर न केवल वेल में आए, बल्कि स्पीकर के आसन के समक्ष जोरदार नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस दौरान आक्रोश में दिखे. बाद में शोर-शराबे के बीच बिल पारित किया गया. बिल पारित होने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में स्पीकर के आसन के समक्ष विपक्ष के सदस्यों की नारेबाजी की निंदा की. सत्ता पक्ष की तरफ से निंदा प्रस्ताव लाया गया.
स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भी विपक्ष के आचरण पर कड़ा एतराज किया और निंदा प्रस्ताव से सहमति जताई. कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने गुरुवार को बिल को पारित करने के लिए संशोधित रूप में पेश किया. इस बिल के प्रावधान के अनुसार अब पालमपुर की चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और नौणी सोलन की डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में वीसी की नियुक्ति में राज्य सरकार की सलाह व सहायता भी ली जाएगी. पहले केवल कुलाधिपति यानी राज्यपाल की सर्च कमेटी की सिफारिश के बाद वीसी की नियुक्ति करते थे.
विपक्ष के सदस्यों ने इसे वीसी की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप करार दिया. भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल के ये दोनों विश्वविद्यालय देश के टॉप मोस्ट संस्थानों में आते हैं. ये संस्थान स्वायत्त संस्थान हैं. यहां वीसी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन होता है. योग्य उम्मीदवारों से बायो-डाटा मंगाए जाते हैं और फिर राज्यपाल वीसी की नियुक्ति करते हैं. अब संशोधन विधेयक के जरिए सरकार की सलाह व सहायता का अंग जोड़ा गया है. ये राज्यपाल के अधिकारों में हस्तक्षेप है.