शिमला:विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन राज्य के रूप में है. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन कारोबार का 4.3 फीसदी हिस्सा है.अक्सर मानसून के मौसम मे पर्यटन कारोबार अपने चरम पर रहता है, लेकिन मानसून के इस सीजन मे पर्यटन कारोबार का आलम यह है कि पर्यटन कारोबारियों को बैंको से कर्ज लेकर गुजर बसर करना पड़ रहा है. शिमला में नाममात्र पर्यटक पहुंचे रहे है. वीकेंड पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाली पहाड़ों की रानी वीरान नजर आ रही है. दरअसल, राजधानी के कारोबारी मंदी की मार से जूझ रहे है. जहां पर्यटकों के न आने से पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. वहीं, शिमला के कारोबारी भी मंदी की मार झेल रहे है.
दरअसल, कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के समय ऐसा बुरा हाल कारोबार का देखा था. ऐसी बारिश उन्होंने कभी नही देखी जिसके कारण उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अब आस है कि जल्द सड़के खुले और प्रदेश के साथ राजधानी पर्यटकों से गुलजार हो जाये, जिससे फिर उनका कारोबार पटरी पर लौट सके. व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि आज से पहले कभी इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा नही देखी. प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण प्रदेश की सड़कें जगह जगह बंद हो गई और कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई. जिसके कारण पर्यटक प्रदेश में नही आ सके. इंदरजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ.
इंदरजीत सिंह ने कहा कि पर्यटकों के न आने के कारण स्थानीय कारोबारियों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो गया. उन्होंने कहा कि पर्यटकों के कारण ही छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों का कारोबार शिमला में चलता है. जिस कारण राजधानी के सभी छोटे बड़े कारोबारी मंदे की मार झेल रहे है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर सड़को को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है, उम्मीद है जल्द ही कारोबार पटरी लौट आएगा. वहीं, फोटोग्राफर ने कहा कि कई वर्षों से वह शिमला में कारोबार कर रहें हैं. परंतु ऐसी बारिश आज से पहले कभी नही देखी. ऐसी मंदी आज से पहले कोरोना के समय पड़ी थी, लेकिन अब एक बार फिर उसी प्रकार की मंदी की मार वह झेल रहे हैं.