शिमला:हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और बर्फ को देवताओं की आशीष. साल का पहला महीना जनवरी, उस माह की 25 तारीख और साल 1971, तब हिमाचल को देश के 18वें पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. इस ऐतिहासिक अवसर पर देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शिमला आई थीं. तब डॉ. वाईएस परमार हिमाचल के सीएम थे. हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की घोषणा के समय प्रकृति भी खुश थी. मां प्रकृति ने देवभूमि को बर्फ के फाहों से सजा दिया था. उस दौरान प्रदेश में नाममात्र सड़कें हुआ करती थीं, लेकिन दूरदराज के लोग पैदल ही शिमला पहुंचे थे. शिमला के रिज मैदान पर हजारों लोगों की भीड़ थी. रिटायर्ड आईएएस अफसर श्रीनिवास जोशी अभी भी उस समय को बहुत प्रसन्नता के साथ याद करते हैं.
श्रीनिवास जोशी ने इस ऐतिहासिक अवसर की आकाशवाणी के लिए कमेंट्री भी की थी. उस समय लोक संपर्क विभाग में रामदयाल नीरज एक बड़े अधिकारी थे. लेखक और लोक कर्मी रामदयाल नीरज हिमाचल में गुरूजी के नाम से विख्यात थे. वे लोक संस्कृति के मर्मज्ञ थे. रामदयाल नीरज ने बताया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने और अपने पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू के हिमाचल प्रेम को जनता के साथ सांझा किया था.
रामदयाल नीरज हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह जिला सिरमौर से ही थे और डॉ. परमार के अच्छे दोस्त थे. रामदयाल नीरज गुरूजी अब इस संसार में नहीं हैं, लेकिन वे हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के क्षण के गवाह थे. हिमाचल के बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक रामदयाल नीरज उस समय लोक संपर्क विभाग में कार्यरत थे. नीरज के अनुसार 25 जनवरी 1971 के दिन बर्फबारी हो रही थी और इंदिरा गांधी ने दूरदराज से शिमला पहुंचे प्रदेश वासियों को संबोधित किया था.