शिमला: हिमाचल में पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को पंजाब-हरियाणा सहित अन्य राज्यों के टैक्सी ट्रेवलर्स यूनियन विरोध कर रहे हैं. जिसको लेकर शिमला में होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सीएम सुक्खू को अपनी समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद सीएम सुक्खू ने प्रदेश में पर्यटक बसों, टेम्पो ट्रेवलर्स और वाणिज्यिक वाहनों पर लगने वाले एसआरटी सहित अन्य करों को कम करने का आश्वासन दिया है.
बता दें कि हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर 3000 से 6000 रुपए तक टैक्स लगाया है. आपदा से जूझ रही हिमाचल सरकार ने खजाना को भरने के लिए यह कर लगाया है, लेकिन बाहरी राज्यों के टैक्सी-गाड़ी चालक विरोध कर रहे हैं. वहीं, इसकी वजह से राज्य के पर्यटन कारोबार पर भी असर पर रहा है.
पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन द्वारा हिमाचल में लगने वाले स्पेशल रोड टैक्स का विरोध किया जा रहा था. इसको लेकर यूनियन ने हिमाचल की सीमाएं सील करने की चेतावनी दी थी. वहीं, पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन ने इस मुद्दे को लेकर पिछले दिनों डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की थी. जिसमें अग्निहोत्री ने यूनियन की मांगों पर विचार करने और टैक्स को कम करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद टैक्सी यूनियन ने 15 अक्टूबर को हिमाचल की सीमाएं सील करने के फैसले को वापस ले लिया था.