शिमला:प्रदेश सचिवालय में मंगलवार को अजब-गजब नजारा देखने को मिला है. सचिवालय के अंदर कैबिनेट बैठक चल रही थी तो बाहर कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे थे, सचिवालय के कर्मचारी कैबिनेट में अन्य विभागों के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति पर लाने का विरोध कर रहे थे. दरअसल कैबिनेट में प्रतिनियुक्ति को लेकर फाइल पर चर्चा हो रही थी, इसकी भनक लगते हुए राज्य सचिवालय कर्मचारियों ने इसके विरोध में सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. कर्मचारियों ने सरकार की इस पहल का खुलकर विरोध किया.
बैकडोर एंट्री को लेकर विरोध:दरअसल, सचिवालय के कर्मचारियों ने साफ कहा कि अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों को लाने का फैसला सरकार का बैकडोर एंट्री करने का फैसला है. हालांकि नियम के तहत सचिवालय में सीधे तौर पर कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति का प्रावधान है, लेकिन सचिवालय के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार प्रतिनियुक्ति पर अपने चहेतों को अन्य विभागों से लाने की कोशिश कर रही है. कर्मचारियों ने कहा कि इससे उनके हित प्रभावित होंगे. सचिवालय में पहले से तैनात कर्मचारी सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इनको प्रमोशन नहीं दी जा रही. यही नहीं बाहर से कर्मचारी के लाने से सचिवालय में पहले से अनुबंध पर लगे कर्मचारियों की सिनीयोरिटी पर भी इसका असर पड़ेगा.
सचिवालय में सैंकड़ों पद हैं खाली:हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के उपप्रधान राजेंद्र मियां ने कहा कि कैबिनेट में गलत फैसला लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बैकडोर एंट्री से कुछ कर्मचारियों को सचिवालय लाने की कोशिश की जा रही है, उसको हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सचिवालय में सैंकड़ों पद खाली है और बाहर बेरोजगार नियुक्तियां करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, मगर सरकार राजनीतिक आधार पर बाहर से अपने लोगों को ला रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुख्य सचिव से भी मिले हैं. इसके बावजूद सरकार भर्ती और पदोन्नति नियमों में बदलाव कर रही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी सचिवालय की ब्रांचों को विभाजित करने की मांग कर रहे है ताकि कर्मचारियों पर काम का बोझ कम हो लेकिन अफसर इस फाइल पर कुंडली मार कर बैठे हुए हैं.