करसोग/मंडी:कोरोना काल में हिमाचल पथ परिवहन निगम के करसोग में रात्रि ठहराव वाले कई रूट बंद करने पड़े हैं. कोरोना के कारण नाइट स्टे वाले बस रूटों में लोग, चालक और परिचालक न तो घर पर ठहराने के लिए तैयार हैं और न ही इनके लिए खाने और पीने की व्यवस्था की जा रही है. इसको देखते हुए मजबूरन परिवहन निगम को ऐसे कुछ रूट बंद करने पड़े हैं.
लिखित में लोगों को देना होगा आश्वासन
पिछले कई महीनों से इन रूटों के बंद होने से लोगों की परेशानियां अब बढ़ने लगी है. ऐसे में लोग नाइट स्टे वाले रूटों को फिर शुरू करने की मांग कर रहे हैं, जिससे दोबारा इन रूटों पर बस सेवा बहाल हो सके. इसके लिए लोगों को भी परिवहन निगम का सहयोग करना होगा. परिवहन निगम ने स्पष्ट किया है कि अगर जनता नाइट स्टे वाले रूटों को फिर से शुरू करना चाहती हैं तो इसके लिए पहले लोगों को लिखित तौर पर आश्वस्त देना होगा कि चालक और परिचालक के ठहरने सहित खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की जाएगी. इसके बाद ही ऐसे रूटों को फिर शुरू किया जाएगा.
संक्रमण के डर से लोगों ने किए दरवाजे बंद प्रदेश में लॉकडाउन खुलने के बाद परिवहन निगम ने फिर से बस सेवा को शुरू कर दिया गया है, लेकिन करसोग में नाइट स्टे वाले कई क्षेत्रों के लोग कोरोना के डर से चालकों और परिचालकों को ठहराने को तैयार नहीं हैं. पहले से चालक और परिचालकों के ठहरने की व्यवस्था वाले स्थानों पर भी लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के डर से परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए घर के दरवाजे बंद कर दिए, लेकिन अब परिवहन सुविधा की दिक्कतें बढ़ने पर कई क्षेत्रों से लोगों ने चालक और परिचालकों के ठहरने सहित खाने-पीने की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है. लोगों के लिखित आश्वासन के बाद परिवहन निगम ने ऐसे रूटों पर फिर से बस सेवा आरंभ करने का कहा है.
सहयोग करने को तैयार नहीं लोग
हिमाचल पथ परिवहन निगम के करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक गोविंद वर्मा ने कहना है कि परिवहन के कर्मचारी लॉकडाउन में लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं. हमारी कोशिश है कि पब्लिक को सेवा दें, लेकिन कुछ जगह पर लोग सहयोग करने को तैयार नहीं थे, जहां पर न चालकों व परिचालकों को ठहराने के लिए न कमरा दिया गया और न ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी. इसके चलते परिवहन निगम को ऐसे रूट बंद करने पड़े. उन्होंने कहा कि अब अगर दोबारा ये रूट चलाने हैं तो इसके लिए लोग लिखित तौर पर दें कि उनके यहां ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था है. इसके बाद ऐसे रूटों को फिर शुरू किया जाएगा.
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