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हिमाचल सरकार ने PMGSY के तहत 2662 करोड़ रुपये की 256 सड़कों की DPR मंजूरी के लिए केंद्र को भेजी - लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2662 करोड़ रुपये की 256 सड़कों की डीपीआर प्रदेश सरकार ने मंंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और प्रदेश की सड़कों की स्थिती और निर्माणाधीन सड़कों का फीडबैक लिया. (PWD Virtual review meeting in Shimla)

Himachal PWD Virtual review meeting in Shimla.
शिमला में हिमाचल लोक निर्माण विभाग की वर्चुअल समीक्षा बैठक.

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Published : Jun 14, 2023, 7:55 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2 हजार 662 करोड़ रुपये की लागत की 256 सड़कें डीपीआर मंजूरी के लिए भेजी है. इनमें से 644 KM सड़कें एफडीआर टेक्निक से निर्मित की जाएंगी और 499 KM सड़कें सीमेंट सब-बेस टेक्निक से बनाई जाएंगी. इसी प्रकार 14 पुलों के निर्माण की डीपीआर भी केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए अभी पेंडिंग पड़ी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें यह जानकारी दी गई.

सड़कों की DPR मंजूरी के लिए केंद्र को भेजी:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के लिए 422 करोड़ रुपये की अनुमानित व्यय की 45 सड़कों की डीपीआर पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं. इनमें से 44 सड़कों के टेंडर पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं. सीएम ने प्रदेश में अधोसंरचना विकास में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 के तहत लंबित 173 सड़क परियोजनाओं और दूसरे चरण में 17 सड़क परियोजनाओं को इसी वर्ष पूरा करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सड़क रखरखाव योजना के लिए इस साल 40 करोड़ रुपये के बजट निर्धारित किया गया है.

CRIF के तहत 4 सड़कों की DPR की भी मांगी मंजूरी: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय सड़क अधोसंरचना कोष (CRIF) के तहत 248 करोड़ रुपये लागत की चार सड़कों की डीपीआर केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी हैं, जबकि पांच अतिरिक्त सड़कों की डीपीआर का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के गठन के बाद अब तक राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत 336 करोड़ रुपये की लागत की 62 सड़कों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है.

शिमला की सड़कों पर खर्च होंगे 97 करोड़ रुपये: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर के सर्कुलर रोड पर भीड़भाड़ कम करने के लिए 97 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए 4 करोड़ रुपये तथा ठियोग बाईपास के लिए 6.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि टूटीकंडी पार्किंग-सह-व्यावसायिक परिसर को कार्यालय स्थल के रूप में परिवर्तित करने के लिए 10 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि कुछ एक सरकारी विभागों को वहां पर पुर्नस्थापित किया जा सके. उन्होंने कहा कि शिमला के ब्रॉकहर्स्ट में सरकारी कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इसमें दो या इससे अधिक कमरों वाले आवास निर्मित किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों को रहने की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

'प्रदेश में रोपवे निर्माण पर बल': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया जाएगा. उन्होंने विभाग को विशेष रूप से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए नई सड़क परियोजनाओं में सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए. इससे यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिलेगी. उन्होंने राज्य में रोपवे के निर्माण पर भी बल दिया.

बैठक में ये रहे मौजूद: इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सभी विभागीय कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया और पिछले लगभग छह महीनों के दौरान विभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी. CPS संजय अवस्थी, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सलाहकार अनिल कपिल, योजना सलाहकार डॉ. बसु सूद सहित PWD के वरिष्ठ अधिकारी शिमला बैठक में उपस्थित थे, जबकि डीसी शिमला एवं PWD के अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े.

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