शिमला: इस बार मानसून ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी है. प्रदेश की आर्थिकी में टूरिज्म इंडस्ट्री का बहुत बड़ा हाथ है. हजारों लोग टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े है, लेकिन इस बार बरसात का कहर प्रदेश पर कुछ यूं बरसा की हर ओर तबाही का मंजर नजर आने लगा. जिसका सबसे ज्यादा असर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा. हिमाचल में आई आपदा के कारण अब टूरिस्ट प्रदेश की ओर रुख करने से बच रहे हैं. जिससे पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है. पहले ही कारोबारी बरसात की वजह से भारी नुकसान झेल रहे हैं. ऐसे में अब पर्यटकों की कमी पर्यटन कारोबारियों की चिंता को और बढ़ा रही है.
आपदा से हिमाचल पर्यटन को मार: हिमाचल प्रदेश के होटल और रेस्तरां व्यवसायियों ने टूरिज्म इंडस्ट्री को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए सुखविंदर सरकार से मदद की गुहार लगाई है. बीते जुलाई और अगस्त महीने में भारी बारिश के बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड ने जमकर तबाही मचाई. जिससे पर्यटन कारोबारियों को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. जिसके चलते अब इन व्यवसायियों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस ओर ध्यान देने की मांग उठाई है.
सीएम को लिखा पत्र: फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन ने इसे लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा. जिसमें उन्होंने मांग की है कि आपदा को देखते हुए उनके ऊपर लगाए गए विभिन्न टैक्स में कमी की जाए. वहीं, कमर्शियल गाड़ियों को भी प्रदेश में एंट्री टैक्स पर छूट दी जाए. जिससे बड़ी संख्या में पर्यटकों का ध्यान हिमाचल की ओर आकर्षित किया जा सके.
हिमाचल आने से डर रहे पर्यटक: फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी तबाही और सोशल मीडिया पर प्रतिकूल मीडिया पब्लिसिटी के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है. इस समय प्रदेश में पर्यटन कारोबार जीरो है. उन्होंने कहा कि पर्यटक अब हिमाचल आने से डर रहे हैं. ऐसे में लगभग सभी होटल खाली पड़े हुए हैं.