शिमलाः हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मंगलवार को सूबे के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ महा बैठक की. इस दौरान प्रदेश भर के अधिकारी और कर्मचारियों ने बैठक में भाग लिया. बैठक के दौरान महासंघ ने शिक्षा मंत्री के सामने 19 सूत्रीय मांग पत्र पेश किया. इस मांग पत्र में शिक्षक महासंघ ने भाषा अध्यापकों एवं शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिए जाने, एसएमसी अध्यापकों के लिए 1 जनवरी 2004 से पहले की पेंशन योजना बहाल करने, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन लाने और नए वेतनमान की सिफारिशें लागू करने की मांग रखी.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष करने, प्रवक्ता न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पद नाम करने प्रदेश में 3 वर्षों से शिक्षा विभाग में पीटीआई और डीपी की प्रमोशन करने, शिक्षा विभाग में 20 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाने समेत कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं.
वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शिक्षक महासंघ की बैठक में रखे गए 19 सूत्रीय मांग पत्र को गंभीरता से लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि इसमें शिक्षक महासंघ की कई मांगे ऐसी हैं, जिसमें कोई आर्थिक मांग नहीं हैं. ऐसे में इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. इसके अलावा कई महत्वपूर्ण मांगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने रखकर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि आगामी समय में खुद शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इन मांगों को पूरा करने की कोशिश करेंगे.
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में फिलहाल बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी को स्कूल बुलाने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को फिलहाल स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है.
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