शिमला:हिमाचल प्रदेश पुलिस अब ईडी की मदद से अवैध फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसेगी. पुलिस ने फार्मा उत्पादों की अवैध तस्करी के जुड़े मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय से करवाने का निर्णय लिया है. पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि अवैध तौर पर चल रही फार्मा कंपनियों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं.
सिरमौर जिले के औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब और कालाअंब के कुछ फार्मा उद्योगों में नशीली दवाइयों की खेप मिलने के बाद पुलिस विभाग चौकस हो गया है. दरअसल पांवटा साहिब व कालाअंब के दो उद्योगों में भारी मात्रा में नशीली दवाएं मिलने के बाद इनका नारकोटिक्स लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. वहीं, उद्योग के उत्पादन भी रोक है.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि उद्योगों ने जिन कंपनियों के लिए माल तैयार किया था, वे अस्तित्व में भी नहीं हैं. प्रदेश में मौजूदा समय में 139 उद्योगों को नारकोटिक्स लाइसेंस मिला है. कुछ उद्योगों को इन लाइसेंस का दुरुपयोग करते हुए और फार्मा उत्पादों को अवैध बाजार में बेचते हुए पाया गया है.
अवैध तस्करी के मामले की जांच ईडी को सौंपी जाएगी
हिमाचल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि फार्मा उद्योगों में नशीली दवाइयों की अवैध तस्करी के मामले की जांच ईडी को सौंपी जाएगी. उन्होंने कहा कि अवैध फार्मा कारोबार में संलिप्त फार्मा कंपनियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है.