शिमला: सरकारी कर्मचारियों के मनमाने तरीके से किए गए ट्रांसफर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गैरकानूनी ठहराया है. अदालत ने अपने आदेश में ये स्पष्ट किया है कि यदि किसी ट्रांसफर में जनहित और प्रशासनिक अनिर्वायता का मामला न जुड़ा हो तो, ऐसे तबादला आदेश गलत माने जाएंगे. अदालत ने कहा कि सिर्फ जनहित और प्रशासनिक अनिर्वायता ही तबादले का आधार होना चाहिए न कि मनमाने ढंग से किसी को ट्रांसफर करना.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने उक्त आदेश पारित किए हैं. अदालत में नवनीश कुमार नामक सरकारी कर्मचारी ने एक याचिका दाखिल की थी. नवनीश कुमार ने याचिका के जरिए कहा था कि उसे गलत तरीके से ट्रांसफर किया गया है. हाईकोर्ट ने इसी याचिका पर उपरोक्त फैसला सुनाया है.
नवनीश कुमार की तरफ से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के स्थान पर प्रतिवादी हरिकृष्ण को एडजस्ट करने वाले आदेश को खारिज कर दिया. प्रार्थी नवनीश कुमार ने अपने तबादला आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में नवनीश कुमार ने कहा था कि वह जिला ऊना में गगरेट में अधीक्षक ग्रेड-टू के पद पर सेवाएं दे रहा है. याचिका में कहा गया कि इस स्थान पर सेवाएं देते हुए अभी उसका सामान्य कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ है. तबादले के लिए जरूरी सामान्य सेवाकाल से पहले ही उसे हटाया गया.