हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

बद्दी में करोड़ों रुपए का राजस्व घोटाला, हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित कई अफसरों को जारी किया नोटिस

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बद्दी में करोड़ों रुपए के राजस्व घोटाले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका में मुख्य सचिव सहित राजस्व सचिव, राजस्व आयुक्त व डीसी सोलन को नोटिस जारी किया है. अर्की के रहने वाले परमिंद्र ठाकुर की तरफ से दाखिल याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रतिवादियों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया. पढ़ें पूरा मामला...

himachal pradesh high court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट

By

Published : Nov 1, 2022, 9:58 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन जिला के बद्दी में करोड़ों रुपए के राजस्व घोटाले की जांच से जुड़ी जनहित याचिका में मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव के अलावा रेवेन्यू सचिव, रेवेन्यू कमिश्नर व डीसी सोलन को नोटिस जारी किया है. प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति जयोत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अर्की के रहने वाले परमिंद्र ठाकुर की तरफ से दाखिल याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रतिवादियों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया.

याचिकाकर्ता के अनुसार बद्दी के तत्कालीन तहसीलदार विकास शुक्ला ने 21 जनवरी 2010 से 14 अगस्त 2013 के दरम्यान भूमि से जुड़े 300 मौखिक तबादलों के इंतकाल से संबंधित निर्देशों का पालन किए बगैर कर दिए. उस समय भूमि के तबादलों पर स्टांप ड्यूटी की दर उच्चतम कीमत की 3 प्रतिशत और पंजीकरण फीस 2 फीसदी अथवा न्यूनतम 25 हजार रुपए थी.

इन मौखिक तबादलों में असमान कीमत की जमीनों के तबादले बिना पंजीकरण के ही कर दिए गए. साथ ही तबादलों का पंजीकरण कानूनन जरूरी था. इतना ही नहीं जमीनों के तबादले पटवार सर्कल, कानूनगो सर्कल और तहसील हदबंदी से बाहर के भी कर दिए गए थे. कानून के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार को इन तबादलों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी वसूलनी चाहिए थी. इससे सरकार के खजाने को लगभग 16 करोड़ रुपए तक का राजस्व नुकसान हुआ.

प्रार्थी के अनुसार इसके बाद तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ ड्राफ्ट चार्जशीट भी जारी की गई थी. इस दौरान तत्कालीन एसडीएम नालागढ़ की रिपोर्ट के अनुसार उक्त तहसीलदार द्वारा किए गए 11 तबादलों से सरकार को केवल 9 हजार रुपए का नुकसान पहुंचा. इस रिपोर्ट को आधार बनाकर सोलन के तत्कालीन डीसी केसी चमन ने प्रधान सचिव राजस्व को एक रिपोर्ट सौंपी और उक्त तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेशों का पुनरावलोकन करने का आग्रह किया.

प्रार्थी के अनुसार राजस्व विभाग के उच्चाधिकारी मामले की गंभीरता को समझने में असफल रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचा है. प्रार्थी ने तत्कालीन तहसीलदार बद्दी विकास शुक्ला व तत्कालीन डीसी सोलन केसी चमन को निजी प्रतिवादी बनाते हुए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. सरकार से मामले की विस्तृत जांच शुरू करने अथवा किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर सारे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के षड्यंत्र का पर्दाफाश करने की गुहार लगाई है. प्रार्थी ने सभी गैरकानूनी तबादलों को रद्द करने की गुहार भी लगाई है. अब हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.

ये भी पढ़ें-HP Election 2022: बागवानों ने ETV BHARAT से साझा की अपनी समस्याएं, आप भी सुनिए

ABOUT THE AUTHOR

...view details