शिमला:हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन जिला के बद्दी में करोड़ों रुपए के राजस्व घोटाले की जांच से जुड़ी जनहित याचिका में मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव के अलावा रेवेन्यू सचिव, रेवेन्यू कमिश्नर व डीसी सोलन को नोटिस जारी किया है. प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति जयोत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अर्की के रहने वाले परमिंद्र ठाकुर की तरफ से दाखिल याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रतिवादियों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया.
याचिकाकर्ता के अनुसार बद्दी के तत्कालीन तहसीलदार विकास शुक्ला ने 21 जनवरी 2010 से 14 अगस्त 2013 के दरम्यान भूमि से जुड़े 300 मौखिक तबादलों के इंतकाल से संबंधित निर्देशों का पालन किए बगैर कर दिए. उस समय भूमि के तबादलों पर स्टांप ड्यूटी की दर उच्चतम कीमत की 3 प्रतिशत और पंजीकरण फीस 2 फीसदी अथवा न्यूनतम 25 हजार रुपए थी.
इन मौखिक तबादलों में असमान कीमत की जमीनों के तबादले बिना पंजीकरण के ही कर दिए गए. साथ ही तबादलों का पंजीकरण कानूनन जरूरी था. इतना ही नहीं जमीनों के तबादले पटवार सर्कल, कानूनगो सर्कल और तहसील हदबंदी से बाहर के भी कर दिए गए थे. कानून के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार को इन तबादलों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी वसूलनी चाहिए थी. इससे सरकार के खजाने को लगभग 16 करोड़ रुपए तक का राजस्व नुकसान हुआ.