शिमला: राज्य में कांग्रेस सरकार ने पूर्व सरकार के समय खोले गए दफ्तरों को डी-नोटिफाई किया है. सुखविंदर सिंह सरकार के इस फैसले को भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप और पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने हाई कोर्ट में चुनौती है. हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई टल गई है. अब विंटर वेकेशन के बाद ये याचिका सुनी जाएगी. याचिका में कांगड़ा जिला के जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पूर्व खोले गए एसडीएम कार्यालय कोटला बेहड़ और रक्कड़ के अलावा डाडासीबा ब्लॉक कार्यालय (Dadasiba Block Office) को बंद करने वाले आदेश को चुनौती दी गई है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप और जसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर ने याचिका में कहा है कि कांग्रेस सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार के फैसलों को रद्द किया है. (Himachal Pradesh High Court)
उन्होंने अदालत से इन फैसलों को गैरकानूनी ठहराने की गुहार लगाई है. सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने प्रार्थियों की जनहित याचिका दायर करने की योग्यता पर सवाल उठाते हुए याचिका को गुणवत्ताहीन बताया. वहीं, अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिकाओं में पाई गई त्रुटियों को दूर करने और कुछ संशोधन करने की अनुमति मांगी गई थी. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह अनुमति देते हुए मामले पर सुनवाई सर्दियों की छुट्टियों के बाद निर्धारित की है. हाई कोर्ट ने जरूरत पड़ने पर मामले की सुनवाई छुट्टियों के दौरान बैठने वाली वेकेशन बेंच के समक्ष करने की छूट भी दी है. प्रार्थीयों की ओर से याचिका में आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डी-नोटिफाई करने का फैसला ले लिया.