शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विभागीय जांच को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए हैं. अदालत ने कहा कि विभागीय कार्रवाई अनंतकाल तक जारी नहीं रह सकती. दरअसल, शिक्षा विभाग ने एक शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की थी. ये जांच आठ साल से जारी थी. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ये जांच अनंतकाल तक जारी नहीं रह सकती. इसे हर हाल में छह माह में पूरा करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट से इस बारे में कई फैसले आए हैं.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यह समय सीमा न केवल सरकारी क्षेत्र के नियोक्ताओं बल्कि निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं के लिए भी है. विभागीय जांच किसी यथोचित समय के भीतर पूरी होनी चाहिए और इसकी अंतिम समय सीमा 6 माह हो. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ वर्ष 2014 से जारी विभागीय एक्शन व जांच को निरस्त करते हुए उसे सभी सेवा लाभ 6 हफ्ते के भीतर अदा करने के आदेश जारी किए है.