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सुशासन के लिए बेस्ट साबित हुआ हिमाचल, पहाड़ी राज्यों में गुड गवर्नेंस में टॉप पर देवभूमि

भारत में वर्ष 2014 से 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तौर पर मनाया जाना शुरू हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर इसकी शुरूआत हुई थी. गुड गवर्नेंस के कई पहलुओं पर इस साल के लिए हिमाचल को पहला स्थान मिला है. गुड गवर्नेंस से आशय जनता को बेहतर प्रशासन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है.

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Published : Dec 26, 2019, 11:04 PM IST

Updated : Dec 27, 2019, 11:40 AM IST

शिमला:करीब सत्तर लाख की आबादी वाला छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल देश के कई राज्यों के लिए मिसाल बना है. ऊंची साक्षरता दर और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं सहित प्रति व्यक्ति आय में भी हिमाचल देश के अन्य राज्यों से आगे है. सफलताओं की इस कड़ी में वर्ष 2019 ने एक और आयाम जोड़ा है.

हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2019 में गुड गवर्नेंस यानि बेहतर प्रशासन यानी सुशासन के लिए पहाड़ी राज्यों और उत्तर पूर्व राज्यों में पहला स्थान मिला है. उल्लेखनीय है कि भारत में वर्ष 2014 से 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तौर पर मनाया जाना शुरू हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर इसकी शुरुआत हुई थी. गुड गवर्नेंस के कई पहलुओं पर इस साल के लिए हिमाचल को पहला स्थान मिला है. गुड गवर्नेंस से आशय जनता को बेहतर प्रशासन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है.

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गुड गवर्नेंस के लिए उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम, असम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को शामिल किया गया था. बड़े राज्यों की श्रेणी में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अनुसार तमिलनाडु ने सुशासन सूचकांक (जीजीआई) के लिए बड़े राज्यों की रैंकिंग में पहला, महाराष्ट्र और कर्नाटक को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला है.

वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में पुड्डंचेरी को पहला स्थान हासिल हुआ है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन समूहों में यानी बड़े राज्य, उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य के अलावा केंद्र शासित प्रदेश में बांटा गया था. नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों की कैटेगरी में न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र की रैंकिंग के तहत हिमाचल को यह स्थान हासिल हुआ है.

गौरतलब है कि सुशासन इंडेक्स 2019 में 10 क्षेत्रों पर फोकस किया गया. इसमें कृषि और इससे संबंधित मुद्दे, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, आर्थिक शासन, सामाजिक कल्याण और विकास, न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा, पर्यावरण और नागरिक केंद्रित शासन शामिल हैं.

इसलिए टॉप पर है हिमाचल

हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख, 76 हजार, 968 रुपए है. बैंकिंग सेवाओं को देखा जाए तो प्रदेश में 2139 बैंक शाखाएं हैं. औसत के लिहाज से हिमाचल में देश में सबसे अधिक बैंक शाखाएं हैं. राज्य में 38 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें हैं. इसके अलावा प्रदेश में 15 हजार से अधिक प्राइमरी, मिडल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं.

हिमाचल में एक साल में दो करोड़ सैलानी सैर के लिए आते हैं. अपराध दर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम है. यहां किसी किस्म के दंगों की कहीं से कोई खबर नहीं आती. स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से भी हिमाचल देश के राज्यों से बेहतर है. यहां प्रति व्यक्ति चिकित्सकों की औसत देश में सबसे अधिक है. हिमाचल को देश का उर्जा राज्य, फल राज्य भी कहा जाता है. सुशासन के लिए यही कारक कसौटी पर कसे जाते हैं.

ये भी पढ़ें- गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2019: नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में हिमाचल प्रदेश को मिला पहला स्थान

Last Updated : Dec 27, 2019, 11:40 AM IST

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