शिमला:करीब सत्तर लाख की आबादी वाला छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल देश के कई राज्यों के लिए मिसाल बना है. ऊंची साक्षरता दर और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं सहित प्रति व्यक्ति आय में भी हिमाचल देश के अन्य राज्यों से आगे है. सफलताओं की इस कड़ी में वर्ष 2019 ने एक और आयाम जोड़ा है.
हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2019 में गुड गवर्नेंस यानि बेहतर प्रशासन यानी सुशासन के लिए पहाड़ी राज्यों और उत्तर पूर्व राज्यों में पहला स्थान मिला है. उल्लेखनीय है कि भारत में वर्ष 2014 से 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तौर पर मनाया जाना शुरू हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर इसकी शुरुआत हुई थी. गुड गवर्नेंस के कई पहलुओं पर इस साल के लिए हिमाचल को पहला स्थान मिला है. गुड गवर्नेंस से आशय जनता को बेहतर प्रशासन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है.
गुड गवर्नेंस के लिए उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम, असम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को शामिल किया गया था. बड़े राज्यों की श्रेणी में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अनुसार तमिलनाडु ने सुशासन सूचकांक (जीजीआई) के लिए बड़े राज्यों की रैंकिंग में पहला, महाराष्ट्र और कर्नाटक को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला है.
वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में पुड्डंचेरी को पहला स्थान हासिल हुआ है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन समूहों में यानी बड़े राज्य, उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य के अलावा केंद्र शासित प्रदेश में बांटा गया था. नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों की कैटेगरी में न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र की रैंकिंग के तहत हिमाचल को यह स्थान हासिल हुआ है.