हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाएंगे 39.42 रुपए, सौ में से विकास को बचेंगे कुल 43.94 रुपए

आर्थिक संसाधनों की कमी झेल रहे छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मियों के वेतन और फिर पेंशन पर खर्च हो रहा है.

PHOTO
फोटो.

By

Published : Mar 6, 2021, 9:12 PM IST

Updated : Mar 6, 2021, 9:29 PM IST

शिमलाः आर्थिक संसाधनों की कमी झेल रहे छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मियों के वेतन और फिर पेंशन पर खर्च हो रहा है. विकास के लिए मात्र 43.94 रुपए ही बच रहे हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को 50192 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. यदि सौ रुपए को मानक माना जाए, तो सरकारी कर्मियों के वेतन पर सौ रुपए में से 25.31 रुपए खर्च होंगे.

फोटो.

कर्ज के बोझ तले हिमाचल

इसी तरह पेंशन पर 14.11 रुपए खर्च होंगे. कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल को ब्याज की अदायगी पर ही 10 रुपए, लोन की अदायगी पर 6.64 रुपए चुकाने होंगे. इस तरह विकास कार्यों के लिए केवल 43.94 रुपए ही बचेंगे. यह स्थिति काफी समय से ऐसी ही चल रही है. हिमाचल का राजकोषीय घाटा 7789 करोड़ रुपए अनुमानित है. यह प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.52 फीसदी है. यह स्थिति चिंताजनक है. राजस्व घाटा 1463 करोड़ होगा.

फोटो.
फोटो.

पढ़ें-'जयराम सरकार का बजट निराशाजनक, कर्ज की बैसाखियों के सहारे चलेगी सरकार'

कर्ज का बोझ 60,500 करोड़ रुपए

यही नहीं, हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़कर 60,500 करोड़ रुपए हो गया है. कर्ज का यह आंकड़ा 60544 करोड़ रुपए है. पिछले साल इसी समय ये आंकड़ा 56107 करोड़ रुपए था. यदि 2013-14 की बात करें, तो कर्ज का ये बोझ 31442 करोड़ रुपए था. यानी आठ साल में ही ये दुगना होने के करीब है. ऐसे में देखा जाए तो साल-दर-साल कर्ज का आंकड़ा चिंताजनक तरीके से बढ़ रहा है.

फोटो.

ये भी पढ़ें-बजट भाषण में सीएम ने चलाए शायराना तीर...जो विपक्ष के दिल को रहे थे चीर

Last Updated : Mar 6, 2021, 9:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details