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हिमाचल सरकार ने IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की सेवाएं बहाल की, लश्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने का था आरोप

हिमाचल सरकार ने IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की सेवाएं बहाल कर दी है. लश्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. हिमाचल कैडर के आईपीएस अरविंद नेगी को इसी साल 18 फरवरी (IPS Arvind Digvijay Negi) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. पढ़ें पूरी खबर... (Arvind Digvijay Negi services restored)

Arvind Digvijay Negi services restored
अरविंद दिग्विजय नेगी की सेवाएं बहाल

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Published : Dec 15, 2022, 10:37 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस अधीक्षक अरविंद दिग्विजय नेगी की सेवाएं बहाल कर दी हैं. एनआईए ने गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित कमेटी की बैठक में इस पर फैसला हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में फंसे आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी ने पुलिस मुख्यालय में अटैच थे. इसी साल जून महीने में चर्चित आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी को NIA कोर्ट से जमानत मिली थी. कोर्ट से उन्हें मामले में एक लाख के मुचलके के साथ जमानत मिली थी. (Arvind Digvijay Negi services restored )

क्या है आरोप: हिमाचल कैडर के आईपीएस अरविंद नेगी को इसी साल 18 फरवरी (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. उन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने का आरोप है. एनआईए के मुताबिक शिमला के ASP रह चुके नेगी ने NIA में पोस्टिंग के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज सौंपे थे. ये ओवर ग्राउंड वर्कर देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए लश्कर की सहायता करते हैं. एनआईए ने (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) पिछले साल 6 नवंबर 2021 को अरविंद नेगी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. जांच में पता चला कि एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेज लीक करने में अरविंद नेगी की भूमिका अहम थी.

नोटिफिकेशन.

कौन हैं आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी: मूल रूप से किन्नौर के रहने वाले अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2006 में सामने आए सीपीएमटी पेपर लीक केस की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम में वह बतौर डीएसपी प्रमुख जांचकर्ता थे. अभिभावकों ने भी उन्हें जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त करने की मांग उठाई थी. उस वक्त इस मामले में एक सिटिंग मंत्री के भाई समेत 119 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र बना था.

इसके अलावा वह शिमला के बहुचर्चित इशिता तेजाब कांड के आरोपियों को पकड़ने और कई अन्य मामलों की छानबीन के लिए भी चर्चित रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश में चरस के मामले पकड़ने में भी चर्चा में रहे. प्रदेश में सेवाओं के दौरान अरविंद दिग्विजय नेगी ने कई मामले पकड़े हैं. शिमला में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने कई अहम मामलों को सुलझाया और एक ईमानदार छवि के रूप में जाने जाते थे. वहीं, एनआईए में रहते भी काफी सुर्खियों में रहे. (Who is Arvind Digvijay Negi)

यहां से पढ़े हैं पूर्व एसपी नेगी: अरविंद दिग्विजय नेगी एनआईए में 11 साल तक सेवाएं दे चुके हैं और उन्हें तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता है. नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा की डुनी गांव से हैं. उनका घर शिमला में है. हाल ही में मंडी जिले में सुंदरनगर में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल 27 नवंबर को एनआईए की टीम ने कल्पा के डुनी गांव में जाकर उनके घर की तलाशी ली थी. नेगी के पिता भी हिमाचल पुलिस में अफसर रह चुके हैं. उन्होंने शिमला के चौड़ा मैदान में स्थित कोटशेरा कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की थी. (Arvind Digvijay Negi latest news)

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