शिमला:हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा के लिए एक चरण में मतदान होने जा रहा है. ऐसे में निर्वाचन आयोग को ओर से मतदान की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बीच एसोसिएश फॉर डेमोक्रेटिक (ADR) और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने प्रदेश में साल 2004 से लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सांसदों, विधायकों और उम्मीदवारों के वित्तीय और आपराधिक मामलों का विश्लेषण किया है, जिसमें साल 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव और साल 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव शामिल हैं. (HP election 2022) (Himachal Pradesh elections Exit Polls)
एसोसिएश फॉर डेमोक्रेटिक (ADR) और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने साल 2004 से अब तक के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कुल उम्मीदवारों की कुल संख्या 1305 है, जिसमें से विधानसभा और संसदीय चुनाव में जीतने वाले 227 सांसद और विधायकों का विश्लेषण किया है. 1305 में से 216 (17 फीसदी) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले घोषित किए गए, जबकि 92 (7 फीसदी) उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए गए.
संसदों और विधायकों द्वारा घोषित आपराधिक मामले:2004 से विश्लेशण किए गए 227 में 66 (29 फीसदी) सांसदों और विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए और 22 (10 फीसदी) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
सांसदों और विधायकों की औसतन संपत्ति:साल 2004 से अब तक विश्लेषण किए गए 1305 उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹2.49 करोड़ है, जबकि 227 सांसदों और विधायकों की संपत्ति ₹5.92 करोड़ है. इस विश्लेषण में ये भी सामने आया है कि ये उम्मीदवार धनबल और बाहुबल से चुनाव परिणाम पर बड़ा प्रभाव डालते हैं. (Himachal Pradesh Election date)
उम्मीदवारों, सांसदों और विधायकों की औसतन संपत्ति:साल 2004 से विश्लेषण किए गए आपराधिक मामले घोषित करने वाले 216 उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹3.24 करोड़ और आपराधि मामले घोषित करने वाले 92 उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹3.00 करोड़ है, साल 2004 से विश्लेषण किए गए आपराधि मामले घोषित करने वाले 66 सांसदों और विधायकों की औसतन संपत्ति ₹5.72 करोड़ और गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले 22 सांसदों और विधायकों की औसतन संपत्ति ₹2.80 करोड़ है.
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पार्टियों के आधार पर आपराधिक मामले:साल 2004 में BJP से चुनाव लड़ने वाले 227 में से 66 (29 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. INC के 226 उम्मीदवारों में से 32 (14 फीसदी), BSP के 189 में से 21 (11 फीसदी), CPI(M) के 41 मे से 27 (66 फीसदी), HLP के 36 में से 8 (22 फीसदी) और 344 में से 36 (10 फीसदी) निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.