शिमला:भाजपा का घोषणा पत्र जारी करने की डेट फिर से बदल गई है. अब चार नवंबर की बजाय रविवार छह नवंबर को पार्टी अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी. कांग्रेस ने पांच नवंबर को अपने घोषणा पत्र को जारी करने की तारीख चुनी है. पांच नवंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोलन के ठोडो ग्राउंड और मंडी के सुंदरनगर में रैली है. ऐसे में भाजपा विचार कर रही है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद उपजी सियासी परिस्थितियों के अनुरूप ही अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी किया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का भी इंतजार करना ठीक रहेगा. (Restoration of old pension scheme in Himachal)
संभव है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल चुनाव के संदर्भ में कोई बड़ा ऐलान करें या फिर ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई संकेत करें. भाजपा ने पहले छह नवंबर को अपना घोषणा पत्र जारी करने का ऐलान किया था. फिर बुधवार को पार्टी की तरफ से चार नवंबर यानी शुक्रवार को दोपहर बाद शिमला में घोषणा पत्र का शेड्यूल जारी किया. अब इसमें फिर से परिवर्तन किया गया है. पार्टी के अनुसार अब घोषणा पत्र छह नवंबर रविवार को जारी किया जाएगा. बताया जा रहा है कि पार्टी ने सोलन व सुंदरनगर में पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों की तैयारियों और अन्य व्यस्तताओं को देखते हुए रविवार का समय तय किया है. तब तक कांग्रेस का घोषणा पत्र भी आ जाएगा. हालांकि कांग्रेस ने घोषणा पत्र से पहले ही दस बड़ी गारंटियां दे दी हैं. ऐसे में कांग्रेस के घोषणा पत्र में कोई बड़ा ऐलान संभव नहीं दिखाई दे रहा. (Himachal Pradesh Assembly Elections) (PM rally in Solan on 5th November) (OPS issue in Himachal)
ओपीएस बहाली के लिए धरने पर बैठे कर्मचारी. वहीं, भाजपा ने अभी तक कोई चुनावी वादा नहीं किया है. अलबत्ता पार्टी के राष्ट्रीय नेता व स्थानीय नेता हर रैली और जनसभा में डबल इंजन सरकार के लाभ गिना रहे हैं. जहां तक ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की बात है, कांग्रेस इस मुद्दे पर कांग्रेस की पक्की गारंटी और कर्मचारियों के दबाव का असर भाजपा के घोषणा पत्र में दिखने के आसार हैं. पूर्व में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे मंगल पांडे और केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के बयान के बाद ये चर्चा चल निकली है कि क्या भाजपा अपने घोषणा पत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का कोई रोडमैप दर्ज करेगी? जिस तरह से पहले मंगल पांडे और फिर अनुराग ठाकुर ने बयान दिया है उससे संकेत मिलते हैं कि भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट यानी घोषणा पत्र में ओपीएस को लेकर कुछ न कुछ वादा जरूर होगा.
करवा चौथ पर सुहागिनों ने OPS के नाम की मेहंदी रचा रखी थी. हिमाचल भाजपा का विजन डॉक्यूमेंट पहले शुक्रवार को शिमला में जारी होना था. इसके लिए पार्टी की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2022 के चुनाव के लिए ये घोषणा पत्र जारी करना था. अब ये कार्यक्रम रविवार छह नवंबर के लिए तय किया गया है. मंगल पांडे ने मंडी जिला में एक जनसभा में ओपीएस को लेकर बड़ा ऐलान किया था. मंगल पांडे ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र सिराज में जनसभा में कहा था कि भाजपा ने ओपीएस को लागू करने का मन बना लिया है. (BJP manifesto in Himachal) (Pension Scheme Himachal Pradesh)
मंगल पांडे ने तो यहां तक ऐलान किया कि इस बारे में वो पूरी जिम्मेदारी से कह रहे हैं कि भाजपा ही ओपीएस का लाभ देगी. इसके बाद से सोशल मीडिया में ये ट्रेंड करने लगा कि भाजपा हिमाचल में ओपीएस लागू करने के लिए तैयार है. यही नहीं, कई जगह तो सोशल मीडिया में ये भी लिखा जाने लगा कि केंद्र से हरी झंडी मिल गई है. उसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने देहरा में रमेश ध्वाला के समर्थन में आयोजित सभा में ओपीएस को लेकर बड़ी बात कही. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इंतजार कीजिए, ओपीएस के मुद्दे पर कुछ बड़ा होने वाला है. भाजपा के दो बड़े नेताओं के इस तरह के बयान से ये संकेत मिल रहे हैं कि धुआं उठा है तो आग जली होगी. भाजपा कार्यकर्ता तो इसे लेकर इतने उत्साहित हैं कि वे पीएम नरेंद्र मोदी की सभाओं में किसी बड़े ऐलान का दावा तक करने लगे हैं.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल में ओपीएस इस समय बड़ा चुनावी मुद्दा है. कांग्रेस ने पहली ही कैबिनेट में ओपीएस का बहाली का फैसला करने का वादा और दावा किया है. इस मामले में कांग्रेस फ्रंटफुट पर है. भाजपा को केंद्रीय नेतृत्व से संकेत न मिलने से पार्टी बैकफुट पर प्रतीत हो रही है. भाजपा के पास एकमात्र यही तर्क है कि कांग्रेस झूठे वादे करती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर यही तर्क देते हैं कि हिमाचल में कांग्रेस ने ही ओपीएस बंद कर एनपीएस लागू की थी. चुनावी वर्ष में ओपीएस को लेकर कर्मचारियों ने बड़ा आंदोलन भी किया. प्रदेश में वोट फॉर ओपीएस का नारा भी चला है. ऐसे में भाजपा अपने घोषणा पत्र में ओपीएस के मुद्दे को इग्नोर नहीं कर सकती. यही सोचकर पहले मंगल पांडे और फिर अनुराग ठाकुर ने ओपीएस बहाल करने से जुड़े बयान दिए हैं. फिलहाल, अब नजरें रविवार छह नवंबर को भाजपा के घोषणा पत्र पर टिकी हैं.
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