शिमला: हिमाचल प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. एक ओर भाजपा नेता केंद्र से आपदा राहत राशि मिलने का दावा कर रहें हैं तो दूसरी ओर सत्ता पक्ष भाजपा के इन दावों को झूठा करार दे रहा है. इसी कड़ी में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रदेश भाजपा नेताओं के दावों को भ्रामक एवं हास्यास्पद करार दिया है.
विपक्ष पर हमलावर हुए प्रदेश सरकार के मंत्री: दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को भाजपा नेता सुर्खियां बटोरने का जरिया बना रहे हैं. भाजपा नेता बार-बार आपदा के दौरान केंद्र द्वारा प्रदेश की भरपूर मदद के दावे करते हैं, जबकि असल में यह मदद सिर्फ आश्वासनों और भाषणों तक ही हुई है. भाजपा नेता हिटलर का प्रोपेगेंडा मंत्री जोसेफ गोएबल्स की राह पर चल रहे हैं, जो हमेशा यह तर्क देता था कि यदि एक झूठ बार-बार बोला जाए तो लोग उसे सच मानना शुरू कर देते हैं. कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा नेताओं की फितरत से भली-भांति परिचित है और उनके वादों और दावों की हवा विधानसभा चुनावों में निकल चुकी है. उन्होंने भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के प्रयासों को छोड़ कर सकारात्मक भूमिका निभाने की सलाह दी.
हिमाचल को केंद्र की जारी राशि: पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य को केंद्र से अतिरिक्त सहायता या विशेष राहत पैकेज के रूप में अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है. प्रदेश की 315 करोड़ रुपये की राहत राशि पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार के पास लंबित थी, उसमें से 189 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. वहीं, एसडीआरएफ के अंतर्गत सिर्फ 360 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश को जारी किए गए हैं. इसमें से 180 करोड़ रुपये की पहली किस्त जून माह में और 180 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त अग्रिम में जारी कर दी थी, जो दिसंबर माह में मिलनी थी.