शिमला:हिमाचल के फुटपाथ व पगडंडियों पर चलना भी खतरे से खाली नहीं है. हिमाचल में 2022 में 405 पैदल चलने वाले (पदयात्री) दुर्घटना के शिकार हुए हैं. जिनमें 119 लोगों की जान चली गईं, तो 370 लोग जिंदगी भर के लिए अपंगता का दंश झेलने को मजबूर हैं. राज्य में पैदल चलने वाले लागों की दुर्घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो साल 2017 से 2022 तक 3477 पदयात्री दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जिनमें 948 लोगों की मौत हो चुकी है जो की कुल यातायात दुर्घटनाओं का 15 फीसदी है. (Himachal Pedestrians becoming victims accident) (Cases of Pedestrians accident in himachal)
यह पैदल चलने वाले लोगों की दुर्घटना होने का खुलासा प्रदेश पुलिस महकमे के विंग टीटीआर ने किया है. पुलिस के यातायात, पर्यटन एवं रेलवे विभाग द्वारा प्रदेश में फुटपाथ एवं पैदल चलने वाले लोगों की दुर्घटना के मामलों का विश्लेषण किया. जिसमें यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस टीटीआर विंग के विश्लेषण के बाद प्रदेश पुलिस भी ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सजग हो गई है.
प्रदेश पुलिस के महानिदेशक संजय कुंडू ने इसे गंभीरता से लिया है और समस्त जिला पुलिस अधीक्षक एंव अन्य विभागों को इस सदंर्भ में सख्त निर्देश दे दिए हैं कि पैदल चलने वाले लोगों से हो रही यातायात दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मौके पर प्रभावी कार्रवाई अमल में लाए. बता दें कि हिमाचल प्रदेश पुलिस आम जनमानस की जान व माल की सुरक्षा के लिए कृत संकल्प है. हिमाचल पुलिस का यातायात विभाग निरंतर यह प्रयास करता रहता है कि सडंक मार्ग का उपयोग करते हुए लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. लोगों को सुरक्षित अपने गंतव्य तक जाने में कोई असुविधा न हो.
सड़क मार्ग पर अवैद्य पार्किंग होने पर लोगों को उचित समय में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने में विलंब होता है एवं ट्रैफिक जाम एवं पैदल चलने वाले लोगों को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है. पुलिस विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान चला कर आम लोगों एवं वाहन चालकों को जागरूक भी किया जाएगा. सड़क मार्ग की सही स्थिति पर भी पुलिस नजर रखती है वहीं, ब्लैक स्पॉट, जेबरा क्रॉसिंग, स्पीड ब्रेकर को भी पहचान कर चिन्हित किया जाता है और संबंधित विभाग को सड़क के सुधार के लिए समय-समय पर सुचित किया जाता है.