शिमला:हिमाचल बिजली बोर्ड में चार माह बाद भी ओल्ड पेंशन की बहाली नहीं हुई है. सरकार की ओर से बोर्ड को आदेश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इन पर अमल नहीं हो रहा. ओल्ड पेंशन बहाल न होने से कर्मचारियों का एनपीएस शेयर लगातार कट रहा है. इस बार भी कर्मचारियों के एनपीएस शेयर कटने की नौबत आ गई है. ओल्ड पेंशन बहाल न करने पर कर्मचारियों में बिजली बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ रही है. कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन को चेताया है कि अगर समय रहते ओपीएस बहाल नहीं की गई तो वो सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे.
एक ओर जहां सरकारी विभागों में ओल्ड पेंशन लागू कर दी गई है और कर्मचारियों के लिए जीपीएफ नंबर भी मिलने शुरू हो गए हैं. वहीं, बिजली बोर्ड के कर्मचारी अभी भी ओल्ड पेंशन की लड़ाई लड़ रहे हैं. हालांकि प्रदेश के दूसरे सरकारी उपक्रम एचआरटीसी में ओल्ड पेंशन बहाल कर दी गई है, मगर बिजली बोर्ड में इसको लागू नहीं किया गया, जबकि 2003 से पहले यहां भी ओल्ड पेंशन लागू थी और इसके बाद अन्य विभागों और एचआरटीसी के साथ यहां भी एनपीएस लागू कर दी गई. मगर सरकार ने जब ओल्ड पेंशन बहाल कर दी है तो बोर्ड में इसको लागू करने में आनाकानी की जा रही है, जिससे कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है. कर्मचारियों ने चेताया कि अगर अगर उनकी ओल्ड पेंशन के बारे में प्रबंधन कोई फैसला नहीं लेता तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
'अफसरशाही सरकार के आदेशों पर पड़ रही भारी':हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन को लागू करने में की जा रही देरी पर गहरी चिंता जताई और इसके लिए बिजली बोर्ड प्रबंधन को दोषी करार दिया है. यूनियन ने आरोप लगाया कि आज बिजली बोर्ड में प्रदेश की अफसरशाही भारी पड़ रही है और मुख्यमंत्री के आदेशों की सीधी-सीधी अवहेलना हो रही है. यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने कहा है कि यह बड़े हैरानी की बात है कि बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने कई बार घोषणा के बाद भी चार माह से मामला लटका पड़ा है. यहां तक की न्यू पेंशन के कर्मचारियों का शेयर काटना अभी तक तक बंद नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में पुरानी पेंशन को लेकर संशय बना हुआ है.