शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीमारियों का दौर थम नहीं रहा है. अभी स्क्रब टाइफस का कहर कम भी नहीं हुआ है कि चर्म रोग ने हिमाचल में दस्तक दे दी है. राजधानी शिमला में चर्म रोग ने दस्तक हो चुकी है. आईजीएमसी शिमला व डीडीयू अस्पताल में रोजाना 50 से 60 के करीब मरीज अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक बारिश होने से नमी ज्यादा रहती है जिससे चर्म रोग की समस्या पैदा होती है.
इन मरीजों को अलर्ट रहने की जरूरत: आईजीएमसी शिमला व डीडीयू अस्पताल में चर्म रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां चर्म रोग ओपीडी में 50 से 60 के करीब मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में लीवर, किडनी और डायबिटीज की लंबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने के जरूरत है, क्यूंकि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
बरतें ये एहतियात:डीडीयू अस्पताल में इन दिनों चर्म रोग ओपीडी में दाद की बीमारी का उपचार करवाने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. अस्पताल की ओपीडी में 100 में से लगभग 10 मरीज दाद के शामिल हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी शरीर के बालों और नाखून के जरिए फैलती है. यदि कोई इस बीमारी से ग्रसित है तो ऐसे में मरीज का साबुन, तौलिया और कपड़े अलग से रखने चाहिए.
बिना परामर्श ने लें दवाई: डीडीयू अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. योगराज शर्मा ने बताया कि चर्म रोग 4 से 6 सप्ताह में ठीक हो जाता है. ऐसे में डॉक्टर एंटी फंगल दवाई लिखते हैं, लेकिन देरी करने पर इलाज में 6 महीने तक लग जाते हैं. दाद की बीमारी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है. यदि किसी व्यक्ति को दाद की समस्या है तो वह डॉक्टर से चेकअप करवाए और बिना परामर्श के दवाइयां ना ले, ऐसा करना घातक साबित हो सकता है. गौरतलब है कि प्रदेश में स्क्रब टाइफस तेजी से फैल रहा है. इस सीजन में लगभग 1100 मामले स्क्रब टाइफस के आ चुके हैं. जबकि 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
ये भी पढे़ं:Scrub Typhus Himachal: आईजीएमसी शिमला में स्क्रब टाइफस से 12वीं मौत, 8 नए मामले आए सामने