शिमला:नशा तस्करी के एक मामले में बरामद 110 किलो चरस में से 33 किलो मालखाने से गायब हो गई. हाई कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अजीब तर्क दिया गया कि शायद चरस सूख गई होगी. इस पर अदालत ने हैरानी जताई और राज्य सरकार के गृह सचिव सहित डीजीपी को मामले की जांच के आदेश दिए. साथ ही 33 किलो चरस गायब होने पर जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने के आदेश भी जारी किए. मामले के अनुसार पुलिस ने तस्करों से 110 किलो चरस बरामद की थी. इस में से एक-एक किलो के तीन पैकेट बनाकर प्रयोगशाला में सैंपल के रूप में भेजे गए.
बाकी बची 107 किलो चरस को नियमों के तहत पुलिस के मालखाने में रख दिया गया. इस में से भी 74 किलो चरस को पार्सल बनाकर चरणबद्ध तरीके से नष्ट कर दिया गया, लेकिन बाकी बची 33 किलो चरस का कोई अता-पता नहीं है. हाई कोर्ट में दोनों आरोपी तस्करों की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जब अदालत में 33 किलो चरस गायब होने का खुलासा हुआ तो अदालत ने जानकारी तलब की. इस पर राज्य सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि शायद उपरोक्त मात्रा यानी 33 किलो चरस सूख गई होगी. अदालत में सरकार के इस तर्क पर न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने हैरानी जताई. न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह सचिव व डीजीपी को जांच के आदेश दिए और जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश जारी किए.