शिमला: हिमाचल प्रदेश को जल्द ही अपनी नई स्पोर्ट्स पॉलिसी मिल जाएगी. मंगलवार को प्रदेश के खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल नीति तैयार (Himachal new sports policy) हो गई है और यह केंद्रीय खेल मंत्रालय को सौंपी गई है. आने वाली 11 दिसंबर को धर्मशाला में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ स्पोर्ट्स पॉलिसी पर चर्चा होगी (discussion on sport policy in dharamshala) और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
खेल मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री से स्पोर्ट्स पॉलिसी पर पहले की चर्चा कर ली गई है. विभाग के पास 48 करोड़ का कुल बजट (sport budget of himachal) है. जिसमें से 24 करोड़ रुपये सैलेरी पर ही खर्च हो जाता है. खेल मंत्री ने कहा कि नई स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत अलग-अलग खेलों के कोच के पद भरने पर अधिक ध्यान दिया गया है. इसके लिए अलग-अलग एसोसिएशन से भी संपर्क किया जा रहा है. विभाग कई खेल संस्थाओं और एसोसिएशन से संपर्क करेगी. जिससे इनकी सहायता से भी रिक्त पद भरे जा सके.
हिमाचल प्रदेश खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश में कई खेलों के कोच उपलब्ध ही नहीं है. इसके लिए कई संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है. स्पोर्ट्स पॉलिसी घोषित होने के बाद रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी. पठानिया ने कहा कि आज के समय में देखा गया है कि कई खेल एसोसिएशन के अध्यक्ष ऐसे लोग हैं जिनका खेलों के कोई संबंध नहीं है. नई खेल पॉलिसी में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि खेल संघों के अध्यक्ष केवल खिलाड़ी ही हों.
राकेश पठानिया ने कहा कि खेलों को रोजगार से जोड़ना बहुत जरूरी है. ऐसे में नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में इस बात का विशेष रखा गया है. खिलाड़ियों को अधिक संख्या में रोजगार मिले, अधिक से अधिक विभागों में स्पोर्ट्स कोटा निर्धारित हो. इन सब बातों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि खेलों के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने पर भी बल दिया जाएगा. नई खेल पॉलिसी में टैलेंट हंट पर जोर दिया गया है ताकि गांव के खिलाड़ियों को उचित मौका मिल सके. कुल मिलाकर यह पॉलिसी खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है. ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया गया टारगेट पूरा हो सके और अगले ओलंम्पिक खेलों में अधिक मेडल आ सके.
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