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Himachal Monsoon Session: कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार पर CM सुक्खू ने विपक्ष को घेरा, 'पेपर बिकते रहे पूर्व की भाजपा सरकार आंखें मूंदे रही'

हिमाचल मानसून सत्र के दौरान आज कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का मुद्दा गूंजा. इस मुद्दे को लेकर सीएम सुविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष का आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार पूर्व की भाजपा सरकार की देने है. भाजपा सरकार में परीक्षा के पेपर बिकते रहे, लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार आंखें मूंदे रही. (Himachal Monsoon Session)(CM Sukhu on Staff Selection Commission corruption)(CM Sukhu on BJP).

Himachal Monsoon Session
कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार पर CM सुक्खू ने विपक्ष को घेरा

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 2:40 PM IST

शिमला:हिमाचलप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान भंग कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का मामला गूंजा. केवल सिंह पठानिया के प्रश्न पर विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के सप्लीमेंट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा पूर्व की बीजेपी सरकार की छत्रछाया में कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार होता रहा. उन्होंने कहा इसके लिए पूर्व सरकार जिम्मेदार है. सीएम ने कहा राज्य सरकार एक साल में 10 हजार पदों को भरेगी, वहीं सरकार पांच सालों में 5 लाख रोजगार देगी.

पेपर बेचने के मामले में 65 लोग गिरफ्तार:सीएम सुक्खू ने कहा कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में अब तक 65 लोगों को गिरफतार किया गया है. जिसमें 26 दलाल शामिल हैं. उन्होंने कहा पेपर लीक मामले में एफएसएल रिपोर्ट आनी बाकी है. कर्मचारी चयन आयोग की जिन परीक्षाओं में धांधली नहीं पाई जा रही, उनकी रिजल्ट निकाले जा रहे हैं. अभी तक 329 पदों के परिणाम निकाल दिए गए हैं. जबकि 300 के निकाले जा रहे हैं.

25 पोस्ट कोडों में की गई जांच:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन को बताया कि कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से कराई गई 25 परीक्षाओं में जांच की गई है. जिनमें से 6 की जांच बंद कर दी गई हैं. जबकि 19 में अभी भी जांच जारी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र नहीं बेचे गए, उनके परिणाम को 3 माह में घोषित किया जाएगा. कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से इनके परिणाम घोषित करने में समय लग रहा है. उन्होंने कहा भंग चयन आयोग की तृतीय भर्ती श्रेणी के पोस्ट कोड संख्या 965, 1036, 1003, 980, 819, 962, 817, 917, 970, 899, 939, 977, 915, 903 परीक्षाओं के पेपर में धांधली सामने आई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में प्रश्न पत्र बेचे गए हैं, यह गोरखधंधा पिछले पांच साल चलता रहा है.

कंप्यूटर आधारित होगी नई परीक्षाएं:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा नए चयन आयोग के गठन के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. इसकी सिफारिश के आधार पर हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से पारदर्शी तरीके से भर्तियां की जाएंगी. आयोग में परीक्षाएं कंप्यूटर आधार पर होगी और मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहेगा. परीक्षाओं के परिणाम भी एक सप्ताह में घोषित किए जाएंगे. साथ ही प्रश्नपत्र बदल कर आएंगे. उन्होंने कहा नया आयोग में जल्द अधिकारियों की नियुक्तियां की जाएंगी.

पेपर बिकते रहे पूर्व सरकार आंखें मूंदे रही:मुख्यमंत्री ने कहा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के लिए बच्चे तैयारी करते और परीक्षा देते थे, लेकिन इनके पेपर बेचे जाते थे. भाजपा की सरकार और सभी मंत्रिमंडल के सदस्य आंखे मूंदे बैठे रहे. सरकार ने भ्रष्टाचार का अड्डा बने कर्मचारी आयोग को भंग किया. उन्होंने कहा कि छानबीन के आधार पर इसके पेंडिंग रिजल्ट निकाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो पेपर लीक नहीं हुए व जांच के दायरे में नहीं है उनका रिजल्ट जल्द निकाला जाएगा.

एक साल में 10,000 को रोजगार देगी सरकार:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार 5 सालों में 5 लाख लोगों को रोजगार देगी. उन्होंने कांग्रेस की रोजगार की गारंटी पर कहा कि इसमें 5 लाख रोजगार की बात सरकारी क्षेत्र में नहीं कही गई, बल्कि रोजगार देने की बात कही है. उन्होंने कहा सरकार इसी साल 10 हजार नौकरियां देंगी. मुख्यमंत्री ने कहा श्रम एवं रोजगार विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है. इस विभाग में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं और जितने भी रोजगार निकलेंगे उनको ट्रैक एवं ट्रेस किया जाएगा. विदेशों में कैसे रोजगार देना है उसका नियम भी बना रहे हैं.

पिछले 3 सालों में 39,779 लोगों को मिला रोजगार:केवल सिंह पठानिया के सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने सदन को बताया कि हिमाचल में पिछले 3 साल 1 जनवरी 2023 तक प्रदेश के मात्र 39,779 युवाओं को रोजगार मिला. जबकि हिमाचल में 8 लाख के करीब बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कोरोना से पहले प्रदेश में बेरोजगारी की दर 3.1 फीसदी थी जो कि अब बढ़ गई है. हालांकि हिमाचल देश के मुकाबले हिमाचल की बेरोजगारी दर में .1 फीसदी का अंतर है. देश में बेरोजगारी दर 4.1 फ़ीसदी है, जबकि हिमाचल की बेरोजगारी दर 4.0 फीसदी है. हिमाचल में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले राज्य की स्थिति बेहतर है. उतराखंड की बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी, पंजाब की 6.4 फीसदी और हरियाणा में बेरोजगारी दर 9.0 फीसदी है.

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