शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान पहुंचाया है. मानसून सीजन में अब तक 8675 करोड़ का नुकसान आंका गया है. हालांकि मानसून थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. इसके बावजूद दूर दराज इलाकों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं ठप हैं. वहीं, प्रदेश में मानसून सीजन में मरने वालों की तादाद 408 पहुंच गई है, जबकि 378 लोग जख्मी हुए हैं.
प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8675 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2940 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 52 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 29 और कांगड़ा जोन में 34 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 958 से मशीनें लगा रखी हैं.
जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ रुपए का नुकसान:प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.