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Himachal Monsoon: मानसून सीजन में हिमाचल को अब तक ₹8663 करोड़ का नुकसान, 397 लोगों की गई जान

हिमाचल में आई आपदा और भारी बारिश से हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं, 397 लोगों की जान चली गई. अभी भी दूरदराज इलाकों में कई सड़कें बाधित हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 181 सड़कें बंद पड़ी हैं. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal Monsoon)(Himachal Weather update).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 2, 2023, 8:18 PM IST

शिमला:इस बार मानसून सीजन में हिमाचल में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. भारी बारिश और बाढ़ से काफी जानमाल को नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में भारी बारिश से अब तक ₹8663 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 397 लोगों की जान चली गई. हालांकि, अब मानसून थमने से नुकसान की रफ्तार धीमी हुई है. मौसम का साथ देने से सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाली में जुटी हुई है.

पीडब्ल्यूडी को ₹2937 करोड़ का नुकसान:प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब ₹8663 करोड़ का नुकसान प्रदेश में आंका गया है. जिसमें पीडब्ल्यूडी को ₹2937 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए.

आपदा के बाद प्रदेश में बढ़ी लैंडस्लाइड की घटनाएं

प्रदेश में 181 सड़कें अभी भी बंद:प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, लेकिन कई जगह पूरी की पूरी सड़कें बह गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. लोक निर्माण विभाग की 181 सड़कें बंद हैं, जिनको खोलने का काम जारी हैं. बंद पड़ी सड़कों में लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 77 सड़कें बंद हैं. जबकि शिमला जोन में 40 सड़क मार्ग बंद पड़े हैं. हमीरपुर जोन में 35 और कांगड़ा जोन में 26 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 900 से ज्यादा मशीनें लगाई हुई हैं.

प्रदेश में 181 सड़कें अभी भी बंद

जल शक्ति विभाग की 26 परियोजनाएं ठप:प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी सहित अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19,537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11,056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11,030 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर गई हैं, लेकिन अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इससे इन परियोजनाओं पर निर्भर इलाकों में पानी की किल्लत चल रही है. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.

भारी बारिश से नदी नालों में उफान

भारी बारिश से कृषि और बिजली बोर्ड को नुकसान: भारी बारिश ने इस सीजन में बिजली बोर्ड को भी करीब ₹1740 करोड़, कृषि को करीब ₹357 करोड़ और बागवानी को करीब ₹173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को ₹369 करोड़, शिक्षा विभाग को ₹118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को ₹44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को ₹13.91 करोड़ और अन्य विभागों को ₹121 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

13,389 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त:इस सीजन में बड़ी संख्या में मकान भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13,389 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2545 मकान पूरी तरह से. जबकि 10844 घरों को आंशिक क्षति पहुंची हैं. प्रदेश में 316 दुकानें और 5,637 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं. इनके अलावा यह बारिश 397 लोगों की जानें ले गईं और 370 को जख्मी भी कर गईं.

13,389 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त

हर्षवर्धन चौहान ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा: कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंडी जिला के धर्मपुर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा 50 वर्षों में पहली बार हिमाचल प्रदेश में भंयकर त्रासदी आई है. जिससे प्रदेश में अब तक 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. हिमाचल में आई इस आपदा से सैंकड़ो लोग बेघर हुए हैं. प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों के साथ खड़ी है. प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता की जाएगी.

हर्षवर्धन चौहान ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

कांग्रेस विधायकों ने सरकार के कामों की सराहना की: कांग्रेस के तीन विधायकों केवल सिंह पठानिया, विनोद सुल्तानपुरी एवं अजय सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश इस साल की भारी बरसात से उत्पन्न आपदा से एकजुट होकर उबर रहा है. प्रभावित परिवारों की मदद से लेकर आधारभूत संरचना की बहाली के लिए प्रदेश सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री के समर्पित प्रयासों की प्रदेश व राज्य के बाहर समय-समय पर सराहना हुई है. केवल सिंह पठानिया, विनोद सुल्तानपुरी एवं अजय सोलंकी ने कहा कि जनहित से जुड़े निर्णयों एवं सेवा भाव के लिए मुख्यमंत्री की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है.

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