शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने अबकी बार कहर बरपाया है. बारिश से जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में मानसून शुरू होने से अब 1050 करोड़ से अधिक का नुकसान होने की आशंका जाहिर की गई है. मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बारिश के कहर से अब तक 80 लोगों की मौत हुई है, जबकि 99 लोग घायल हुए हैं. बीते दिनों हुए भारी बारिश से प्रदेश में 1299 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. इसके अलावा करीब डेढ़ हजार पानी की परियोजनाएं बंद हुई हैं, जिससे कई इलाकों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है.
प्रदेशभर में 1299 सड़कें बंद: बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़क, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक 1050 करोड़ का नुकसान हो चुका है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. बीते दिनों हुई भारी बारिश के बाद अभी भी प्रदेशभर में 1299 सड़कें लैंडस्लाइड होने के चलते बंद हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें सबसे अधिक 807 सड़कें पीडब्ल्यूडी शिमला जोन के तहत बंद हैं. जबकि मंडी जोन के तहत भी 326 सड़कें बंद हो गई हैं. हमीरपुर जोन के तहत 49 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 112 सड़कें बंद हैं. पांच एनएच भी जगह-जगह पर लैंडस्लाइड होने के बाद बंद पड़े हुए हैं. पीडब्ल्यूडी सड़कों को बहाल करने के काम में जुटा हुआ है. पूरे प्रदेश में करीब 850 मशीनें लगाई गई है. बताया जा रहा है कि मानसून शुरू होने से अब तक प्रदेश में सड़कों, पुलों आदि को करीब 616 करोड़ की क्षति पहुंची है.
जलशक्ति विभाग को 350 करोड़ के नुकसान की आशंका: भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. जल शक्ति विभाग को अभी तक करीब 350 करोड़ नुकसान की आशंका है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानसून में कुल 4842 परियोनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनमें 3737 पेयजल परियोजनाएं हैं. हालांकि विभाग ने 2181 पेयजल परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया है. भारी बारिश के बाद सैंकडों परियोजनाओं में सिल्ट जमा हो गई है, जिससे ग्रामीण इलाकों सहित शहरी इलाकों में पानी की सप्लाई बुरी तरह से बाधित हुई है. पेयजल के अलावा जल शक्ति विभाग की 994 सिंचाई परियोजनाएं, 59 सीवरेज व 52 अन्य परियोजनाएं भी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई हैं. बताया जा रहा है कि बारिश से प्रदेश में बागवानी को भी 70 करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया है. वहीं, बिजली बोर्ड को भी करीब 1 करोड़ और शहरी विकास विभाग को 3.15 करोड़ के नुकसान की आशंका है.