शिमला:जेई सिविल पोस्टकोड भर्ती पेपर लीक मामले मेंविजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है. जेई सिविल पोस्टकोड 970 भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अब विजिलेंस मामले की जांच करेगी. पेपर लीक मामले में यह नौवीं एफआईआर है. इस केस में मुख्य आरोपी उमा आजाद नहीं है, बल्कि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव के साथ एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर को आरोपी बनाया गया है. यह वही ट्रैफिक इंस्पेक्टर है, जिसे रिजल्ट घोषित होने और नियुक्ति के बाद टर्मिनेट किया गया था.
बता दें कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की एफआईआर में भी नामजद है. विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार इसी व्यक्ति ने जेई सिविल का पेपर लीक किया और आगे बेच जी. दो अभ्यर्थियों के साथ एक लाख की ट्रांजैक्शन पेपर लेने के बदले हुई थी. इसी के साथ पेपर लीक मामले की जांच कुल्लू जिला की तरफ भी मुड़ी है, क्योंकि इसमें लाभार्थी अभ्यर्थी कुल्लू जिला से है. कुल चार लोगों को इसमें आरोपी बनाया गया है.
गौरतलब है कि जेई सिविल की लिखित परीक्षा 10 सितंबर 2022 को हुई थी. 11 पदों पर यह भर्ती होनी थी और 36 अभ्यर्थियों को पास घोषित किया गया था. विजिलेंस ब्यूरो ने पेपर लीक का प्रमाण मिलने के बाद यह मामला दर्ज किया है. यह केस आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 12, 13(1)ए और 13(2) के तहत दर्ज किया गया है.
गौर हो कि जांच एजेंसी विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार कुल पांच पोस्ट कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी सरकार से मांगी गई थी. इनमें से पोस्ट कोड 899 ऑक्शन रिकॉर्डर और पोस्टकोड 970 जेई सिविल में मामला दर्ज हो गया है. अब तीन अन्य पोस्टकोड में भी केस जल्द दर्ज हो सकता है. इनमें पोस्टकोड 903 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी, पोस्टकोड 915 असिस्टेंट सुपरिटडेंट जेल और पोस्ट कोड 977 मार्केट सुपरवाइजर शामिल हैं. विजिलेंस की एसपी अंजुम आरा ने मामले की पुस्टि की है.
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