शिमला: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की एक शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार करना धर्मशाला के एसएचओ को भारी पड़ा है. हाई कोर्ट ने एसएचओ धर्मशाला को गुरुवार 12 जनवरी को अदालत में तलब किया है. हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High court) के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने एसएचओ को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए.
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एनआईओएस के फर्जी प्रमाणपत्र से जुड़े मामले में इंस्टीट्यूट के निदेशक को सप्लीमेंट्री शपथपत्र दायर करने के आदेश दिए थे. संस्थान ने इसके लिए अतिरिक्त समय मांगा और कहा कि एसएचओ धर्मशाला ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इन्कार कर दिया था. इंस्टीट्यूट के रीजनल डायरेक्टर धर्मशाला की ओर से एसएचओ धर्मशाला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट को बताया गया कि एसएचओ धर्मशाला ने उन्हें थाने में सारे दिन बिठाए रखा परंतु फिर भी प्राथमिकी यानी एफआईआर दर्ज नहीं की. इसलिए उन्हें ऑनलाइन शिकायत करनी पड़ी.
पिछली सुनवाई को इस मामले में हाई कोर्ट ने इंस्टीट्यूट के निदेशक (मूल्यांकन) को तलब किया था. कोर्ट में उपस्थित निदेशक ने विवादित सर्टिफिकेट को फर्जी बताया था. इसके बाद अदालत ने एनआईओएस के निदेशक से सुनवाई के दौरान पूछा था कि जब इंस्टीट्यूट के फर्जी सर्टिफिकेट का मामला उनके संज्ञान में आता है तो वे दोषी के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं? (SHO Dharamshala summoned in HP High court).