शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal High court) ने सड़कों के किनारे अतिक्रमण के मामलों को समय पर न निपटाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. अदालत ने राजस्व विभाग के अफसरों को भी लताड़ लगाई है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने संबंधित उप मंडल अधिकारियों यानी एसडीएम व राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण से जुड़े मामलों का निपटारा चार हफ्तों के भीतर किया जाए.
अदालत ने ये भी कहा कि इसके अलावा अतिक्रमण को लेकर दीवानी अदालतों में जितने भी मामले लंबित पड़े हैं, उन्हें तीन महीने के भीतर निपटाया जाए. खंडपीठ ने राज्य सरकार के राजस्व अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि कानून की सही जानकारी न होने के कारण राजस्व अधिकारी फिजूल में ही अतिक्रमण से जुड़े मामलों को अपने पास निपटारे के लिए रख लेते हैं. ऐसे में ये मामले दशकों तक लंबित पड़े रहते हैं.
न्यायमूर्ति तरलोक चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए हैं कि वह दीवानी अदालतों और हाई कोर्ट के समक्ष लंबित पड़े मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए आवेदन दाखिल करे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 29 दिसंबर 2022 को निर्धारित की गई है. अदालत ने राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को 29 दिसंबर 2022 तक सारी जानकारियों से युक्त नवीनतम शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश भी जारी किए है.