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सरकार ने दिया था 10 राशन डिपो बंद करने का आदेश, हाईकोर्ट ने लगाई रोक - Himachal High Court on ration depots in Solan

हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा 10 राशन डिपो को बंद करने के फैसले पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Himachal High Court)

Himachal High Court stays govt order to close 10 ration depots.
हिमाचल हाईकोर्ट ने 10 राशन डिपो बंद करने के सरकार के आदेश पर लगाई रोक.

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Published : Feb 1, 2023, 8:28 PM IST

शिमला:हिमाचल सरकार ने उचित मूल्य की 10 दुकानों यानी सस्ते राशन के 10 डिपुओं को बंद करने का आदेश दिया था. सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अदालत ने फिलहाल इन दुकानों को बंद करने के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया है.

साथ ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव, निदेशक और जिला खाद्य नियंत्रक सोलन को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं. अदालत के ये आदेश अंतरिम हैं. मामले के अनुसार जिला सोलन के कसौली और नालागढ़ के रहने वाले राजा राम और अन्य ने सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. याचिका की आरंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश पारित करते हुए जवाब तलब किया है.

सोलन जिले में उचित मूल्य की दुकानें चलाने वाले दस दुकानदारों को विभाग द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं को विभाग ने नोटिस दिया है कि क्यों न उनका लाइसेंस रद्द किया जाए? विभाग ने दलील दी है कि हिमाचल प्रदेश विनिर्दिष्ट आवश्यक वस्तु (वितरण का विनियमन) आदेश 2019 के खंड तीन और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज आदेश 1994 के तहत किसी भी उचित मूल्य दुकान धारक या उसके परिवार सदस्य का पंचायती राज संस्थाओं में प्रतिनिधि होने पर उसे उचित मूल्य की दुकान को आवंटित नहीं किया जा सकता है.

याचिकाकर्ताओं के परिवार के सदस्यों का पंचायती राज संस्थाओं या शहरी निकायों में चयन होने पर यह कार्रवाई की गई है. याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील दी कि उक्त नियम उन्हें लागू नहीं होते है, क्यूंकि वे वर्ष 1995 से उचित मूल्य की दुकानें चला रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश विनिर्दिष्ट आवश्यक वस्तु (वितरण का विनियमन) आदेश केवल 2019 में ही बनाया गया. इसके प्रावधान याचिकाकर्ताओं पर लागू नहीं किए जा सकते.

अदालत को बताया गया कि विभाग के कारण बताओ नोटिस का जवाब भी दे दिया गया है. दुकानदारों के जवाब से असंतुष्ट होकर विभाग ने अब इन दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है. प्रार्थियों ने अदालत से आग्रह किया है कि विभाग के इस निर्णय को रद्द किया जाए. अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद निर्धारित की है.
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