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Himachal High court: एसआईटी करेगी चुराह में पेड़ों के अवैध कटान मामले की जांच, 10 अगस्त को हाईकोर्ट में होगी अगली सुनवाई - चंबा चुराह अवैध पेड़ कटान मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में डीएसपी सलूणी ने चंबा के चुराह में पेड़ों के अवैध कटान मामले में स्टेट्स रिपोर्ट की जानकारी दी. डीएसपी सलूणी ने कोर्ट को बताया कि मामले में 5 सदस्ययी एसआईटी टीम का गठन किया गया है, जो मामले की जांच करेगी. (Himachal High court) (Churah illegal tree felling case)

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Published : Aug 8, 2023, 6:27 AM IST

शिमला: चंबा के चुराह में पेड़ों के अवैध कटान मामले की जांच अब एसआईटी करेगी. डीएसपी सलूणी ने स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी हिमाचल हाईकोर्ट को दी है. कोर्ट को बताया गया कि शक्ति वन बीट में पेड़ों का अवैध कटान पाया गया और वन अधिनियम की धारा 32 और 33 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की है.

इस मामले की जांच कर रहे एएसआई रविंद्र कुमार की रिपोर्ट से कोर्ट ने असंतोष जताया था. कोर्ट ने कहा था कि एएसआई रविंद्र कुमार ने इस मामले की जांच लापरवाही से की है और अवैध पेड़ कटान का काेई संदर्भ नहीं दिया है. बता दें कि कोर्ट ने पाया था कि 14 सूखे पेड़ों की स्वीकृति की आड़ में ठेकेदार झगड़ सिंह ने 57 हरे देवदार के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई है. वन विभाग ने शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया गया था कि इस जुर्म के लिए ठेकेदार पर 16.67 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुराह वन मंडल के दायरे में आने वाले शक्ति जंगल में देवदार के पेड़ों पर अवैध रूप से कुल्हाड़ी चलाई गई है. शक्ति जंगल में वन निगम को 25 से 30 सूखे पेड़ों को काटने का लॉट जारी हुआ था. निगम के ठेकेदार झगड़ सिंह ने इस लॉट की आड़ में 60 से अधिक हरे देवदार के पेड़ों की बली दे दी. इतना ही नहीं, काटे हुए पेड़ों के ठूंठों को जलाकर सुबूत मिटाने की कोशिश की गई है. ठेकेदार को चचोल वन बीट में भी सूखे पेड़ों को काटने का लॉट दिया गया है.

याचिकाकर्ता ने अंदेशा जताया है कि ठेकेदार ने वहां भी हरे पेड़ों का अवैध कटान किया होगा. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए जाए. प्रतिवादी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई गई है.

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