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Himachal High Court: एलटी और शास्त्री शिक्षकों को दिया जाए टीजीटी पद का वेतन और प्रवक्ता के रूप में प्रमोशन का अवसर, हाईकोर्ट का अहम फैसला

एलटी और शास्त्री शिक्षकों के वेतन और प्रमोशन मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एलटी और शास्त्री शिक्षकों को टीजीटी पद का वेतन दिया जाए और प्रवक्ता के रूप में प्रमोशन का अवसर भी दिया जाए. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court) (LT and Shastri teachers).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 8:36 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भाषा अध्यापक यानी एलटी और शास्त्री शिक्षकों को टीजीटी पद का वेतन और प्रवक्ता के रूप में प्रमोशन का अवसर दिए जाने का फैसला सुनाया है. अदालत ने सरकार को उक्त वर्ग के शिक्षकों को ये लाभ देने का आदेश जारी किया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने भाषा शिक्षक (एलटी) और शास्त्री शिक्षकों की तरफ से इस बारे में दाखिल की गई याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया.

मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि वे भाषा शिक्षक (एलटी) और शास्त्री के रूप में कार्यरत थे. सभी याचिकाकर्ता बीएड हैं और शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टेट भी उत्तीर्ण कर चुके हैं. अदालत को बताया गया कि 20 अगस्त 2022 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बी.एड. का नामकरण बदल दिया गया. प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) संस्कृत और टीजीटी-हिंदी के रूप में इन्हें पदनाम दिया गया. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि पदों के नामकरण में बदलाव के बावजूद उन्हें प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के पद का वेतनमान और पदोन्नति का रास्ता नहीं दिया गया है.

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि न केवल टीजीटी के पदों से जुड़ा वेतनमान उन्हें दिया जाना आवश्यक है, बल्कि पदोन्नति का वही चैनल भी उन्हें उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है जो टीजीटी को उपलब्ध है. मामले में दोनों पक्षों के वकीलों को विस्तार से सुनने के बाद अदालत ने पाया कि टीजीटी (संस्कृत और हिंदी) द्वारा निभाए गए कर्तव्य, टीजीटी (चिकित्सा, गैर-चिकित्सा और कला) द्वारा निभाए गए कर्तव्यों के समान हैं, लेकिन मेडिकल, नॉन-मेडिकल और आर्ट्स स्ट्रीम से संबंधित टीजीटी को उच्च वेतनमान मिलता है.

याचिकाओं को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उत्तरदाताओं को निर्देश दिया है कि वे उन याचिकाकर्ताओं को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के पद का वेतनमान और प्रवक्ता (स्कूल कैडर) के पद पर पदोन्नति का अवसर प्रदान करें, जिन्हें टीजीटी के रूप में फिर से नामित किया गया है.

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