शिमला: हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला के ट्रांसगिरि इलाके से संबंधित हाटी समुदाय को ट्राइबल स्टेट्स दिए जाने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया है. इस संदर्भ में पक्ष और विपक्ष में दाखिल की गई याचिकाओं पर तीन दिन की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ कर रही है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने संबंधी अधिसूचना जारी की है. इस फैसला का कुछ लोगों व संगठनों ने विरोध किया है. कुछ याचिकाएं हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने के पक्ष में हैं तो कुछ में इसका विरोध किया गया है. वहीं, गिरिपार इलाके के युवाओं, छात्रों और नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों ने जनजाति से जुड़े प्रमाणपत्रों की मांग भी की है, ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके.
हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति और गुर्जर समाज कल्याण परिषद जिला सिरमौर ने आरोप लगाया है कि बिना जनसंख्या सर्वेक्षण के ही गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय घोषित कर दिया गया. परिषद का कहना है कि वे पहले से ही अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं.