शिमला: जबरन वसूली से जुड़े एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने इस मामले में नालागढ़ पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी (आईओ), एसएचओ के तबादला आदेश जारी किए हैं. साथ ही नालागढ़ पुलिस स्टेशन के एसडीपीओ की ट्रांसफर करने को भी कहा है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने डीजीपी से इस मामले की जांच रिपोर्ट भी तलब की है.
अदालत ने गृह सचिव व डीजीपी को आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है. अदालत ने जबरन वसूली करने के आरोपियों की तरफ से दाखिल आवेदन का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए. हाईकोर्ट ने डीजीपी को एसआईटी गठित कर नालागढ़ पुलिस स्टेशन के उक्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए कदाचार के आरोपों की जांच के आदेश भी दिए. डीजीपी को 8 हफ्ते जांच रिपोर्ट देनी होगी.
कोर्ट ने जबरन वसूली मामले के आरोपियों द्वारा पुलिस पर लगाए आरोपों के कारण उनके खिलाफ जांच की जिम्मेवारी भी एसआईटी को सौंपने के आदेश दिए. इसके लिए कोर्ट ने एसपी बद्दी को एसआईटी गठित करने के आदेश दिए. ये एसआईटी जबरन वसूली से जुड़े मामले की जांच करेगी.
क्या है पूरा मामला:जबरन वसूली से जुड़े इस पेचीदा मामले के अनुसार नैनीताल निवासी तनुजा चंदोला और सूरज चंदोला ने एसएचओ नालागढ़ पर आरोप लगाया कि उक्त पुलिस अधिकारी ने उन पर घूस देने का दबाव बनाया. आरोप है कि एसएचओ ने उनके खिलाफ जबरन वसूली और साजिश रचने से जुड़े मामले में जमानत सुनिश्चित करने की एवज में घूस की मांग की. तनुजा चंदोला व सूरज चंदोला पर आरोप है कि उन्होंने विवेक महाजन नामक व्यक्ति से जबरन वसूली की साजिश रची. इन्हीं दो आरोपियों ने ही नालागढ़ पुलिस के जांच अधिकारी आरोप लगाया कि उन्होंने निष्पक्ष जांच की बजाय उन पर साइबर सेल के समक्ष जांच में हिस्सा लेने का दबाव बनाया और बिना किसी अथॉरिटी के उनके मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे.