शिमला: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के कुल 4546 कमरों की मरम्मत के लिए मात्र ढाई करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि स्कूलों के 1512 कमरों में लार्ज स्केल पर मरम्मत की जरूरत है और 3034 कमरों में छोटी-मोटी मरम्मत होनी है. इसके लिए ढाई करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है. ये तथ्य सामने आने पर हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और वित्त व शिक्षा विभाग के सचिवों को निजी तौर पर अदालत में तलब किया है. दोनों अफसरों के निजी तौर पर अदालत में उपस्थित रहने के आदेश जारी किए गए हैं.
मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने सरकार की तरफ से राज्य के स्कूलों के रखरखाव के लिए मामूली बजट रखने को गंभीरता से लिया है. खंडपीठ ने दोनों विभागों के सचिवों से इस वित्त वर्ष में स्कूलों में कमरों की मरम्मत कार्य के लिए मात्र ढाई करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करने पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.
अदालत ने पूछा है कि उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से दायर रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों के 1512 कमरों की बड़ी और 3034 कमरों की छोटी मोटी मरम्मत की जानी है तो, इसके लिए मात्र ढाई करोड़ का बजट क्यों रखा गया है? खंडपीठ ने आदेश जारी किए हैं कि दोनों विभागों के सचिव 22 नवंबर को अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष उपस्थिति दर्ज करवाएं.