शिमला: जिला सिरमौर के ट्रांस गिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने के खिलाफ अब एक और याचिका दाखिल की गई है. गुर्जर समाज कल्याण परिषद जिला सिरमौर की तरफ से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में ये याचिका दाखिल की गई है. याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले की सुनवाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई 18 दिसंबर को निर्धारित की है.
हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने संबंधी केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का विरोध करते हुए गुर्जर समाज कल्याण परिषद जिला सिरमौर ने याचिका में आरोप लगाया है कि बिना जनसंख्या सर्वेक्षण के ही ये निर्णय लिया गया है. बिना सर्वे के ही ट्रांस गिरि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर दिया गया. गुर्जर समाज कल्याण परिषद का कहना है कि उनके समुदाय के लोग पहले से ही अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं.
परिषद का आरोप है कि प्रदेश में हाटी के नाम से कोई भी जनजाति नहीं है. यही नहीं, आरक्षण का अधिकार हाटी के नाम पर उच्च जाति से संबंध रखने वाले लोगों को भी दे दिया गया. यह कानूनी तौर पर गलत है. किसी भी भौगोलिक क्षेत्र को किसी समुदाय के नाम पर तब तक अनुसूचित जनजाति घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक वह अनुसूचित जनजाति के रूप में सजातीय होने के मानदंड को पूरा नहीं करता हो.